December 3, 2025

मसौढ़ी में कोलकाता से आई एसटीएफ टीम ने आर्म्स एक्ट के फरार आरोपी को दबोचा

मसौढ़ी। मसौढ़ी में एक बड़ी पुलिस कार्रवाई के तहत कोलकाता से आई स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने शुक्रवार देर रात एक फरार आरोपी को गिरफ्तार किया। यह आरोपी आर्म्स एक्ट के तहत वांछित था और लंबे समय से पुलिस की नजरों से बच रहा था। मसौढ़ी पुलिस के सहयोग से एसटीएफ ने उसे पकड़ने में सफलता हासिल की।
आरोपी की पहचान और उसका मुख्यालय
गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम शैलेश कुमार है, जो नालंदा जिले के कराय पशुराय थाना क्षेत्र के अगड़ा गांव का निवासी है। वह देवेंद्र प्रसाद का पुत्र बताया जा रहा है। शैलेश कुमार कोलकाता में आर्म्स एक्ट के तहत वांछित था और वह पुलिस से छिपने के लिए मसौढ़ी आ गया था। वर्तमान में वह मसौढ़ी के कश्मीर गंज मोहल्ले में एक किराए के मकान में रह रहा था।
एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
शुक्रवार की देर रात कोलकाता एसटीएफ की टीम ने मसौढ़ी पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी की और शैलेश कुमार को उसके किराए के मकान से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ की टीम उसे कोलकाता लेकर चली गई, जहां उस पर आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
आर्म्स एक्ट क्या है और क्यों है गंभीर?
आर्म्स एक्ट (हथियार अधिनियम) भारत में अवैध हथियार रखने, बेचने या उनके गैरकानूनी इस्तेमाल से जुड़े अपराधों के लिए लागू किया जाता है। इस कानून के तहत सजा का प्रावधान काफी सख्त है, जिसमें लंबी जेल और भारी जुर्माना शामिल हो सकता है। शैलेश कुमार पर भी इसी तरह के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके चलते वह पुलिस से छिप रहा था। अक्सर देखा गया है कि अपराधी पुलिस से बचने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य या शहर में भाग जाते हैं। वे सोचते हैं कि अलग-अलग पुलिस प्रशासन के बीच तालमेल की कमी के कारण उन्हें पकड़ा नहीं जा सकेगा। हालांकि, इस मामले में कोलकाता एसटीएफ और मसौढ़ी पुलिस के बीच बेहतर समन्वय से आरोपी को पकड़ने में सफलता मिली।
पुलिस की सतर्कता और आगे की कार्रवाई
इस गिरफ्तारी से पुलिस की सक्रियता और अंतर-राज्यीय अपराधों से निपटने की क्षमता का पता चलता है। अब शैलेश कुमार को कोलकाता ले जाया गया है, जहां उसके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इस मामले में यह भी पता लगाया जाएगा कि वह किन अन्य लोगों के संपर्क में था और उसके पास किस तरह के हथियार थे। यह घटना दर्शाती है कि अंतर-राज्यीय अपराधों से निपटने में पुलिस विभागों के बीच बेहतर सहयोग की कितनी आवश्यकता है। इसके साथ ही, आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर मामलों में त्वरित कार्रवाई अपराधियों के लिए एक चेतावनी का संकेत है कि वे कानून से बच नहीं सकते।

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