पटना में अब कैब से चलना होगा महंगा, ओला समेत कई कंपनियों ने 25 फ़ीसदी बढ़ाया किराया

पटना। पटना के निवासियों के लिए अब ऐप-आधारित कैब सेवाओं का उपयोग पहले की तुलना में अधिक महंगा हो गया है। ओला, ऊबर और रैपिडो जैसी प्रमुख कैब सेवा कंपनियों ने अपने किराए में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। इससे शहरवासियों को अपने दैनिक सफर के लिए अधिक खर्च करना पड़ रहा है।
किराए में अचानक बढ़ोतरी क्यों
कैब सेवा प्रदाताओं के अनुसार, बीते कुछ दिनों में कैब की मांग तेजी से बढ़ी है, जिससे यात्रियों को कैब मिलने में कठिनाई हो रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते एक सप्ताह में कैब बुकिंग में लगभग 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बुकिंग बढ़ने के बावजूद कैब की उपलब्धता सीमित होने के कारण किराए में इजाफा हुआ है।
यात्रियों को हो रही परेशानी
किराए में बढ़ोतरी के कारण पटना के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जहां पहले कम किराए में आसानी से कैब मिल जाती थी, वहीं अब यात्रियों को न केवल अधिक पैसे चुकाने पड़ रहे हैं, बल्कि कैब के लिए अधिक इंतजार भी करना पड़ रहा है। कई यात्रियों ने शिकायत की है कि बुकिंग करने के बाद भी उन्हें लंबे समय तक कैब नहीं मिल रही है।
ऑटो का विकल्प भी सीमित
कैब की कम उपलब्धता के कारण कई बार यात्रियों को सिर्फ ऑटो का विकल्प ही दिया जा रहा है। हालांकि, ऑटो किराया अपेक्षाकृत कम होता है, लेकिन यह सुविधा उन यात्रियों के लिए असुविधाजनक हो सकती है, जिन्हें अधिक आरामदायक और निजी यात्रा की आवश्यकता होती है।
कैब कंपनियों का क्या कहना है?
रैपिडो एप के पटना इंचार्ज के अनुसार, बीते 10 दिनों में बुकिंग की संख्या में अचानक बढ़ोतरी देखी गई है। इस कारण कंपनी को मांग के अनुरूप कैब उपलब्ध कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया है कि अगले दो दिनों के भीतर यात्रियों की परेशानियों का समाधान निकाल लिया जाएगा और किराए को फिर से सामान्य किया जा सकता है।
बढ़ी हुई दरें कब तक लागू रहेंगी?
कैब सेवा प्रदाताओं का कहना है कि किराए में बढ़ोतरी अस्थायी है और यह मांग-आपूर्ति के संतुलन पर निर्भर करता है। यदि कैब की उपलब्धता सामान्य हो जाती है, तो किराए भी पहले की तरह हो सकते हैं। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह बढ़ी हुई दरें कब तक प्रभावी रहेंगी।
यात्रियों ने जाहिर की नाराजगी
पटना के कई यात्रियों ने इस किराया वृद्धि पर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि पहले ही महंगाई बढ़ रही है और अब यात्रा खर्च भी बढ़ने से उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। खासकर ऑफिस जाने वाले लोग और रोजाना कैब का उपयोग करने वाले यात्री इस वृद्धि से अधिक प्रभावित हुए हैं।
क्या सरकार या प्रशासन करेगा हस्तक्षेप
फिलहाल, कैब किराए में बढ़ोतरी को लेकर सरकार या प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। आमतौर पर, ऐप-आधारित कैब सेवाएं डायनेमिक प्राइसिंग (यानी मांग और आपूर्ति के आधार पर किराया तय करने की प्रक्रिया) का पालन करती हैं, इसलिए किराए पर प्रशासनिक नियंत्रण सीमित होता है। पटना में ऐप-आधारित कैब सेवाओं का महंगा होना शहरवासियों के लिए एक चुनौती बन गया है। बढ़ती बुकिंग और कम कैब उपलब्धता के कारण किराए में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे यात्रियों को अधिक पैसे देने पड़ रहे हैं। हालांकि, कैब कंपनियों ने जल्द ही स्थिति सामान्य करने का आश्वासन दिया है, लेकिन तब तक यात्रियों को इस बढ़े हुए किराए के साथ ही सफर करना होगा।
