November 18, 2025

प्रदेश में लैंड सर्वे के बीच 900 सर्वेक्षण कर्मचारियों ने छोड़ी नौकरी, दिया लिखित इस्तीफा

पटना। बिहार में भूमि सर्वेक्षण कार्य को तेज़ी से पूरा करने के लिए सरकार ने कई नई व्यवस्थाएँ लागू की हैं, जिनमें प्रमंडलों के लिए स्वतंत्र सर्वर की शुरुआत शामिल है। इससे दस्तावेज़ों के भंडारण और डिजिटल प्रक्रियाओं में सुधार हुआ है, जिससे ज़मींदार और रैयत आसानी से अपने स्वघोषणा पत्र और वंशावली को अपलोड कर सकते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया के बीच एक बड़ी समस्या सामने आई है—लगभग 900 सर्वेक्षण कर्मचारियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।  इन इस्तीफों का मुख्य कारण अन्य सरकारी नौकरियों में चयन होना बताया जा रहा है। विशेष रूप से, बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा कनीय अभियंता (जूनियर इंजीनियर) के पद पर चयनित होने के बाद कई कर्मचारियों ने अपने वर्तमान सर्वेक्षण पद को छोड़ने का फैसला किया। गया जिले में 42 और मधुबनी जिले में 26 कर्मियों ने अपने पदों से इस्तीफा दिया है। पूरे राज्य में इस तरह के कर्मचारियों की संख्या लगभग 900 तक पहुँच गई है, जो अब स्थायी रूप से जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त हो चुके हैं। इसके अलावा, भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया में तकनीकी समस्याएँ भी सामने आई हैं। दस्तावेज़ों की अपलोडिंग में कठिनाइयों और अन्य प्रशासनिक दिक्कतों की वजह से सर्वे कर्मियों में असंतोष बढ़ा है। इन समस्याओं के कारण कर्मचारियों की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है, जिससे भूमि सर्वेक्षण का कार्य प्रभावित हो सकता है। बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण कार्य को समय पर पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर भर्ती की योजना बनाई थी, लेकिन लगातार हो रहे इस्तीफों के कारण यह योजना प्रभावित हो रही है। यह दर्शाता है कि भर्ती प्रक्रिया में स्थिरता की कमी है और कर्मचारी अपनी नौकरी को सुरक्षित नहीं मानते। इसके अलावा, कई कर्मचारियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है, जिससे वे अन्य नौकरियों के लिए आवेदन कर सके। यह भी एक प्रमुख कारण है कि इतने सारे कर्मचारी अपने पद छोड़ रहे हैं। सरकार के सामने अब यह चुनौती है कि वह भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक कदम उठाए। डिजिटलीकरण और जमाबंदी सुधार जैसे कार्यों में सुधार की जरूरत है ताकि भूमि सर्वेक्षण प्रणाली को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया जा सके। यदि इस समस्या का जल्द समाधान नहीं किया गया, तो भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन और प्रशासनिक प्रक्रिया पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

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