प्रगति यात्रा के तहत 21 फरवरी को बाढ़ पहुंचेंगे मुख्यमंत्री, तैयारियों के बीच ग्रामीणों में आक्रोश

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 21 फरवरी को अपनी प्रगति यात्रा के तहत पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल के बेढ़ना और उमानाथ क्षेत्रों का दौरा करेंगे। मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां जोरों पर हैं। कार्यक्रम स्थल को आकर्षक रूप देने के लिए नई सड़क, तालाब जीर्णोद्धार, साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण के कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। अधिकारियों की टीमें लगातार स्थल का निरीक्षण कर रही हैं।
चमकाया जा रहा कार्यक्रम स्थल, लेकिन गांव की सड़क बदहाल
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल पर भले ही विकास कार्यों की झलक दिख रही हो, लेकिन सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर स्थित गांव की टूटी सड़क और जलजमाव की समस्या से ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के मद्देनजर केवल दिखावटी सफाई और निर्माण किया जा रहा है, जबकि गांव के मूलभूत समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं है। ग्रामीण पवन सिंह ने बताया कि कार्यक्रम स्थल के आसपास साफ-सफाई और सड़क का निर्माण तेजी से हो रहा है, लेकिन गांव की मुख्य सड़क वर्षों से जर्जर हालत में है। बारिश के समय यह सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है। नाले का गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी होती है।
जनप्रतिनिधियों पर लापरवाही का आरोप
ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर समस्या की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू पिछले 20 वर्षों से बाढ़ के विधायक हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे क्षेत्र की दुर्दशा देखने तक नहीं आते। शिकायत करने पर न तो सुनवाई होती है और न ही उनका पीए फोन उठाता है। पवन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर अधिकारी सिर्फ उस क्षेत्र की चमक-दमक बढ़ा रहे हैं, जहां उनका दौरा होना है, जबकि गांव के अंदरूनी हिस्से की स्थिति बदतर बनी हुई है।
ग्रामीण मुख्यमंत्री से करेंगे शिकायत
ग्रामीण रौशन कुमार ने बताया कि गांव के नाले का पानी मुख्य रास्ते पर बहता है, जिससे मंदिर और बाजार जाने वाले लोगों को रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार इसी सड़क पर ई-रिक्शा दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में विकास कार्य सिर्फ कागजों पर ही दिखता है। नल-जल योजना के पाइप तो बिछाए गए हैं, लेकिन कई जगहों पर पानी की आपूर्ति अब तक ठीक ढंग से नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि वे मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान अपनी समस्याओं को उनके सामने रखेंगे और वर्षों से उपेक्षित सड़क और जलनिकासी की समस्या के स्थायी समाधान की मांग करेंगे।
प्रशासन अलर्ट मोड में
मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर प्रशासन सतर्क है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। कार्यक्रम स्थल की लगातार निगरानी हो रही है। लेकिन, ग्रामीणों का गुस्सा साफ दिख रहा है, जिससे अधिकारियों की चिंता भी बढ़ गई है। ग्रामीणों की उम्मीद है कि मुख्यमंत्री की यात्रा से उनकी समस्याओं का समाधान निकलेगा।
