November 20, 2025

आईआईटी पटना का 11वां दीक्षांत समारोह: शैक्षिक उत्कृष्टता का उत्सव, 713 छात्रों को मिली डिग्रियाँ

पटना। आईआईटी पटना का 11वां दीक्षांत समारोह 15 फरवरी 2025 को संस्थान के सभागार में भव्य और उल्लासपूर्ण माहौल में आयोजित हुआ। इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री जयंत चौधरी, केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार, उपस्थित थे। समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में श्री सुनील कुमार, शिक्षा मंत्री, बिहार सरकार शामिल हुए हुए। प्रो. टी. एन. सिंह, अध्यक्ष (कार्यवाहक, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स) एवं आईआईटी पटना के निदेशक ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दीक्षांत समारोह में आईआईटी पटना के अब तक के सबसे बड़े बैच के 713 छात्रों को विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों जैसे बीटेक, एमटेक, एमएससी और पीएचडी में डिग्रियाँ प्रदान की गईं, जिनमें 581 पुरुष और 132 महिला छात्र शामिल थे। यह आयोजन छात्रों और उनके परिवारों के लिए एक गर्वपूर्ण एवं उत्साहपूर्ण क्षण रहा, जिसमें उन्होंने अपनी शैक्षिक उपलब्धियों का शानदार उत्सव मनाया। मुख्य अतिथि जयंत चौधरी ने अपने संबोधन में आईआईटी संस्थानों की वैश्विक पहचान, शैक्षिक उत्कृष्टता और नवाचार के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। उन्होंने शिक्षा के परिवर्तनकारी प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा, “आपकी शिक्षा ने आपके सपनों को आकार दिया है, और अब आप दुनिया का सामना करने के लिए ऊर्जा और उत्साह से भरे हुए तैयार हैं। हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहें, क्योंकि जैसे एक पतंग तभी ऊँचाई तक पहुँच सकती है, जब वह अपनी डोरी से जुड़ी रहती है।” उन्होंने आगे कहा, “कौशल ही भविष्य की मुद्रा है। जितना आप इसमें निवेश करेंगे, उतना ही आप कीमती बनेंगे। समारोह में प्रो. टी. एन. सिंह ने स्नातकों को संबोधित करते हुए कहा, “आप सभी जीवन के एक नए और रोमांचक चरण में कदम रख रहे हैं, जो चुनौतियों, अवसरों और जिम्मेदारियों से भरा हुआ है। याद रखें, आप सभी एक अद्वितीय बैच के छात्र हैं। आपने 2020 में आईआईटी पटना में प्रवेश किया, जो एक ऐसा साल था जब वैश्विक महामारी ‘कोरोना’ ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया था। इस कठिन दौर ने आपको सहानुभूति, सहयोग और लचीलापन सिखाया है, और आप ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सिद्धांत के साथ इस संकट से बाहर निकले हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आप यहाँ प्राप्त ज्ञान और कौशल से दुनिया पर सकारात्मक और स्थायी प्रभाव डालेंगे। सम्मानित अतिथि सुनील कुमार ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में स्नातकों से आग्रह किया, “कभी भी किसी भी परिस्थिति में आशा का दामन न छोड़ें और हमेशा उत्कृष्टता की ओर प्रयास करें। जीवन के उतार-चढ़ावों को स्वीकार करें, क्योंकि यही हमें बेहतर इंसान बनाने में मदद करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रेरणा हमें आत्मप्रेरित और केंद्रित बनाए रखने में सहायक होती है। इस विशेष अवसर पर कुछ विशिष्ट छात्रों को शैक्षिक उत्कृष्टता और संस्थान की गतिविधियों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए चार स्वर्ण पदक और 21 रजत पदक प्रदान किए गए। इसके अलावा, उच्च गुणवत्ता वाले शोध प्रोजेक्ट्स को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 19 छात्रों को प्रोफिशिएंसी पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

दीक्षांत समारोह के पुरस्कार प्राप्तकर्ता:

भारत के राष्ट्रपति स्वर्ण पदक – निश्चल जैन, बीटेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग)
निदेशक स्वर्ण पदक – रोहित कुमार, बीटेक (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग)
अध्यक्ष स्वर्ण पदक – अम्बिकेश द्विवेदी, एमटेक (जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग)
आर्यभट्ट स्वर्ण पदक – बिनायक राउत, एमएससी (भौतिकी)
केदारनाथ दास मेमोरियल पुरस्कार (रजत पदक):
संस्थान रजत पदक:
बीटेक:
उज्जवल आनंद (सिविल इंजीनियरिंग)
अभिनव सिंह (सिविल इंजीनियरिंग)
अभिनय विवेक कर्निक (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग)
मिहिर साहू (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग)
निश्चल जैन (मैकेनिकल इंजीनियरिंग)
हार्दिक हरिगोपाल तिवारी (मेटालर्जिकल एंड मटेरियल्स इंजीनियरिंग)
एमएससी:
सुभास कमिल्या (रसायन विज्ञान)
पौषाली दास (गणित)
बिनायक राउत (भौतिकी)
एमटेक
कुमारी सुरभि (सिविल इंजीनियरिंग)
शशांक कुमार (सिविल इंजीनियरिंग)
अम्बिकेश द्विवेदी (जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग)
राघवेंद्र रमेश हैबट्टी (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग) mj
दीपक नारायण के एस (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस)
प्रणव मिश्रा (वीएलएसआई)
गौरव कुमार (सिविल एंड एन्वायर्नमेंटल इंजीनियरिंग)
निकुंज पंसारी (मैन्युफैक्चरिंग एंड कंट्रोल)
एथेना सरकार (मेटालर्जिकल एंड मटेरियल्स इंजीनियरिंग)
कोडीदासु पुर्ना राम साई उषा प्रणव (मैकेनिकल इंजीनियरिंग)
सौरभ शर्मा (मैकेनिकल इंजीनियरिंग)
प्रोफेसर दिव्येंदु मुखर्जी पुरस्कार:
प्रथम स्थान: साई नंदन पाणिग्रही, बीटेक (केमिकल इंजीनियरिंग)
द्वितीय स्थान: सिद्धार्थ सोमनाथ मेरुकर, बीटेक (केमिकल इंजीनियरिंग)
इस वर्ष, आईआईटी पटना ने अपने सबसे बड़े बैच का दीक्षांत समारोह आयोजित किया, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों से छात्र एक साथ इस महत्वपूर्ण अवसर का जश्न मनाने के लिए उपस्थित हुए। यह आयोजन उल्लास और उत्सव से भरपूर रहा, जहाँ स्नातकों ने गर्व से अपनी डिग्रियाँ प्राप्त की।

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