November 20, 2025

कामेश्वर चौपाल के निधन पर मुख्यमंत्री ने व्यक्त की शोक संवेदना, कहा- ये अपूरणीय क्षति, दिवंगत आत्मा को मिले शांति

पटना। राम जन्मभूमि निर्माण ट्रस्ट के प्रमुख सदस्य और बिहार के पूर्व विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) कामेश्वर चौपाल का 68 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और उनकी बड़ी बेटी लीला देवी ने उन्हें किडनी डोनेट की थी। बावजूद इसके, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण वे बच नहीं सके। उनके निधन से राजनीतिक और धार्मिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जताया शोक
कामेश्वर चौपाल के निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री और अन्य राजनीतिक व धार्मिक नेताओं ने शोक प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि “वे एक कुशल राजनेता और समाजसेवी थे। उनके निधन से सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें। राम मंदिर आंदोलन से जुड़े अन्य नेताओं और रामभक्तों ने भी उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उनका योगदान राम जन्मभूमि आंदोलन और सामाजिक उत्थान में अमूल्य रहा है, जिसे सदैव याद किया जाएगा।
राम मंदिर निर्माण में अहम योगदान
कामेश्वर चौपाल का नाम राम मंदिर आंदोलन से गहराई से जुड़ा हुआ था। उन्हें राम मंदिर के लिए पहली ईंट रखने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। इसीलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उन्हें “प्रथम कारसेवक” का दर्जा दिया था। वे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी भी थे और मंदिर निर्माण कार्य में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।
स्वास्थ्य समस्याओं से संघर्ष
कामेश्वर चौपाल की दोनों किडनियां फेल हो चुकी थीं, जिसके बाद 23 अगस्त 2024 को उनका किडनी ट्रांसप्लांट गंगाराम अस्पताल में हुआ। यह ऑपरेशन सफल रहा था और वे कुछ समय के लिए स्वस्थ भी हुए। लेकिन एक महीने बाद उन्हें गंभीर संक्रमण (इंफेक्शन) हो गया, जिसके कारण उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इलाज के बाद वे कुछ समय के लिए घर लौटे, लेकिन फिर से संक्रमण के कारण गंभीर स्थिति में अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया।

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