सरकारी शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस नहीं बनाने पर कटेगा वेतन, विभाग का निर्देश जारी
पटना। बिहार में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है। अब राज्य के सभी सरकारी शिक्षकों को डिजिटल माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इस नियम का उल्लंघन करने पर शिक्षकों का एक दिन का वेतन काट लिया जाएगा। अगर इसके बाद भी शिक्षक समय पर स्कूल नहीं आते हैं या अटेंडेंस दर्ज नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी शिक्षकों को 1 अक्टूबर से डिजिटल अटेंडेंस अनिवार्य रूप से दर्ज करने का निर्देश दिया है। इसके लिए “ई शिक्षकोष” एप्लीकेशन का उपयोग किया जाएगा। शिक्षक अपने मोबाइल फोन से इस एप्लीकेशन के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। इस प्रक्रिया में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और अनुपस्थित रहने पर वेतन कटौती की जाएगी। शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया को और सरल बनाने के लिए “ई शिक्षकोष” एप्लीकेशन में नए विकल्प जोड़े हैं। अब प्रधानाध्यापक और स्कूल एडमिन दोनों के पास अटेंडेंस दर्ज करने के विकल्प होंगे। प्रधानाध्यापक स्वयं या स्कूल एडमिन के माध्यम से सभी शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा, शिक्षकों को विद्यालय प्रांगण से अपनी उपस्थिति की पुष्टि के लिए फोटो अपलोड करना होगा। यदि कोई शिक्षक स्कूल से बाहर ड्यूटी पर हैं, तो उनके लिए भी विशेष प्रबंध किया गया है। 1 सितंबर से, सभी शिक्षकों को अपने एंड्रॉयड फोन के गूगल प्ले स्टोर से “ई शिक्षकोष” एप्लीकेशन को अनिवार्य रूप से अपडेट करने का निर्देश दिया गया है। इस एप्लीकेशन के माध्यम से अटेंडेंस बनाने का प्रोसेस और भी आसान और सुव्यवस्थित हो जाएगा। शिक्षा विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि तकनीकी समस्याओं के कारण यदि कोई शिक्षक अपनी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें फिजिकल अटेंडेंस रजिस्टर में अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इस आधार पर उनका वेतन भुगतान किया जाएगा। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सर्वर डाउन या नेटवर्क की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह सुविधा दी गई है। शिक्षा विभाग के इस नए निर्देश से साफ है कि अब शिक्षकों की मनमानी नहीं चलेगी। अगर कोई शिक्षक समय पर स्कूल नहीं आता है या डिजिटल अटेंडेंस दर्ज नहीं करता है, तो उनके वेतन में कटौती की जाएगी। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि सभी शिक्षक नियमित रूप से स्कूल में उपस्थित रहें और छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो। शिक्षा विभाग के इस नए कदम से बिहार के सरकारी स्कूलों में अनुशासन और पारदर्शिता बढ़ेगी। डिजिटल अटेंडेंस की अनिवार्यता से शिक्षकों की उपस्थिति पर निगरानी रखना आसान हो जाएगा, जिससे शिक्षण कार्य की गुणवत्ता में सुधार आएगा। यह नियम शिक्षकों को समय पर स्कूल आने और अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाने के लिए प्रेरित करेगा। विभाग का यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से किया गया है, जो कि बिहार के छात्रों के हित में होगा।


