पटना पुलिस ने कार से 195 लीटर अंग्रेजी शराब किया बरामद, ड्राइवर फरार

पटना। बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद, शराब की तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस कड़ी में सोमवार को पटना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 195 लीटर अंग्रेजी शराब जब्त की है। यह शराब 19 कार्टन में पैक की गई थी और एक टैक्सी कार में छिपाकर लाई जा रही थी। पुलिस की सक्रियता से शराब बरामद तो हो गई, लेकिन टैक्सी का चालक पुलिस को देखकर मौके से फरार हो गया। यह घटना पटना के नेउरा थाना क्षेत्र की है, जहां पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बिहटा की ओर से एक टैक्सी में बड़ी मात्रा में अंग्रेजी शराब पटना ले जाई जा रही है। सूचना मिलने के बाद, नेउरा थानाध्यक्ष राजेश कुमार पांडेय के नेतृत्व में पुलिस ने बिहटा-शिवाला मार्ग पर वाहन चेकिंग अभियान शुरू किया। चेकिंग के दौरान पुलिस को एक संदिग्ध टैक्सी दिखाई दी, जिसे रोकने का प्रयास किया गया। हालांकि, चालक ने पुलिस को देखते ही गाड़ी को तेज कर दिया और भागने लगा। पुलिस ने तुरंत उसका पीछा किया और आखिरकार कार को पकड़ लिया। लेकिन इस दौरान टैक्सी चालक कार को छोड़कर फरार होने में सफल हो गया। जब पुलिस ने टैक्सी की तलाशी ली, तो उसमें से 19 कार्टन में पैक 195 लीटर अंग्रेजी शराब बरामद हुई। इस शराब को बिहार में प्रतिबंधित कर दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद तस्करी के जरिए इसे राज्य में लाया जा रहा है। पुलिस का मानना है कि इस शराब को पटना में कहीं डिलीवर किया जाना था। शराब की इतनी बड़ी मात्रा में बरामदगी से यह साफ है कि बिहार में शराब की तस्करी का नेटवर्क अभी भी सक्रिय है। पुलिस की लगातार कोशिशों के बावजूद तस्कर नए-नए तरीके अपनाकर शराब की सप्लाई कर रहे हैं। इस घटना के बाद पुलिस ने टैक्सी चालक की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस का मानना है कि चालक ही तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है और उससे पूछताछ करके पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सकता है। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और मामले की गहराई से जांच कर रही है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि शराब कहां से लाई गई थी और इसे पटना में कहां डिलीवर किया जाना था। इसके अलावा, पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस तस्करी में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब की तस्करी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य सरकार ने शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन तस्कर लगातार नए तरीके अपनाकर इस प्रतिबंध को चुनौती दे रहे हैं। शराबबंदी के बावजूद शराब की उपलब्धता और इस्तेमाल से यह सवाल उठता है कि क्या शराबबंदी के नियमों को और सख्ती से लागू करने की जरूरत है? इसके अलावा, तस्करी के खिलाफ पुलिस को और अधिक सतर्कता और सक्रियता दिखाने की जरूरत है। पटना में 195 लीटर अंग्रेजी शराब की बरामदगी से यह साफ हो गया है कि बिहार में शराब की तस्करी का खतरा अभी भी बना हुआ है। पुलिस की तत्परता से यह शराब तो बरामद हो गई, लेकिन तस्करी के इस नेटवर्क को खत्म करने के लिए और कड़े कदम उठाने की जरूरत है। राज्य में शराबबंदी के सफल कार्यान्वयन के लिए पुलिस और प्रशासन को और अधिक सक्रिय होना पड़ेगा, ताकि तस्करों के हौसले पस्त हो सकें और समाज में इस अवैध गतिविधि पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।
