November 28, 2025

पटना में 9 सितंबर को एक दिवसीय ऑटो हड़ताल, बढ़ेगी आम लोगों की परेशानी

पटना। पटना में 9 सितंबर को एक दिवसीय ऑटो हड़ताल होने जा रही है, जिससे शहर के लाखों लोगों की दिनचर्या प्रभावित होने की संभावना है। इस हड़ताल का आयोजन ऑटो चालक संघों द्वारा किया गया है, जो विभिन्न समस्याओं के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराना चाहते हैं। इनमें प्रमुख मुद्दे हैं—ईंधन की कीमतों में वृद्धि, लाइसेंस और परमिट प्रक्रिया में भ्रष्टाचार, और ट्रैफिक पुलिस द्वारा की जाने वाली कथित अत्याचार। परिवहन प्राधिकरण के द्वारा पटना सहित राज्य में प्रमुख जिलों में ऑटो और ई रिक्शा का परिचालन के लिए कलर कोडिंग कर रूट के आधार पर परिचालन को वापस लेने के लिए 9 सितंबर को पटना में एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल का फैसला लिया गया। अगर परिवहन विभाग द्वारा रूट पर चलने का आदेश वापस नहीं लिया गया तो अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का फैसला ले सकते है। ऑटो और ई-रिक्शा के सभी रूटों को जोन में बांटा जाएगा। प्रत्येक जोन के लिए अलग-अलग कलर कोड निर्धारित होगा। संबंधित निकायों के समन्वय से ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा की पार्किंग के लिए स्थान चिह्नित किया जाएगा। सड़कों की वाहन क्षमता के अनुसार ही ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा का निबंधन होगा। रिजर्व ऑटो और ई-रिक्शा पर अलग कलर कोड का स्टीकर अथवा पेंट होगा। हर रूट पर ऑटो और ई-रिक्शा का संख्या तय होगी। कोई चालक रूट न बदले, इसके लिए हर ऑटो और ई-रिक्शा पर एक यूनिक नंबर दिया जाएगा। ऐसा जाम से निजात को लेकर किया जा रहा है।  इस हड़ताल का सबसे बड़ा असर आम जनता पर पड़ने वाला है। पटना में ऑटो रिक्शा परिवहन का एक प्रमुख साधन है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास निजी वाहन नहीं हैं। इस हड़ताल के चलते स्कूली बच्चों, कार्यालय जाने वालों, और दैनिक यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हड़ताल के दिन सार्वजनिक परिवहन पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा, जिससे बसों और अन्य परिवहन साधनों में भारी भीड़ हो सकती है। इसके अलावा, उन लोगों के लिए भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं जिन्हें हड़ताल के दिन अस्पताल या अन्य आवश्यक सेवाओं तक पहुंचना है। पटना प्रशासन ने हड़ताल की घोषणा के बाद से ही स्थिति पर नजर रखी हुई है। प्रशासन का कहना है कि वह स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा और आम जनता को होने वाली परेशानी को कम करने की कोशिश करेगा। हालाँकि, प्रशासन ने ऑटो चालक संघों के प्रतिनिधियों से बातचीत का भी प्रयास किया है ताकि हड़ताल को टाला जा सके, लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है। पटना में 9 सितंबर को होने वाली ऑटो हड़ताल न केवल ऑटो चालकों की समस्याओं को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि इन समस्याओं का समाधान न होने से आम जनता को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यह आवश्यक है कि सरकार और संबंधित विभाग इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दें और एक संतुलित समाधान निकालें, जिससे ऑटो चालकों की मांगें भी पूरी हों और आम जनता को भी राहत मिले।

You may have missed