November 28, 2025

जदयू के बड़बोले विधायक गोपाल मंडल पर एफआईआर दर्ज, होटल संचालक में दर्ज कराया मुकदमा

भागलपुर। अक्सर विवादों में रहने वाले जेडीयू विधायक गोपाल मंडल एक बार फिर चर्चा में हैं। उनपर जान से मार देने की धमकी के आरोप में भागलपुर के परबत्ता थाने में एफआईआर दर्ज हो गया है। भागलपुर के नवगछिया स्थित एक होटल संचालक सह जदयू नेता नरेश मंडल ने यह प्राथमिकी दर्ज कराई है। गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल और दो अज्ञात पर फोन पर गाली-गलौज करने और जान मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। प्राथमिकी में नरेश ने बताया है कि 16 अगस्त को जदयू के प्रदेश महासचिव वीरेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में उनके होटल पर बैठक हो रही थी। इस दौरान एक दो बार विधायक का कॉल आया। रिसीव नहीं कर पाया। रात करीब 8.30 बजे अपने मोबाइल से विधायक को फोन किया तो उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि मेरा फोन उठाने का तुमको समय नहीं मिलता है। विधायक ने कहा कि वीरेंद्र सबको अपने होटल पर क्यों बिठाते हो। उसने विधायक पर जातिसूचक गाली देने और होटल उजाड़ने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है। नरेश ने कहा कि बात इसने पर ही खत्म नहीं हुई। खाना खाकर होटल के बगल में सोने गया तो रात करीब 12.30 बजे तीन-चार लोगों ने बंदूक और राइफल सटाते हुए जगाया। चारों ने गाली देते हुए कहा कि- गोपाल भैया आ गए हैं। गोपाल भैया के आदेश के बाद भी बहस करते हो। उनमें से एक मारने की बात कहने लगा तो दूसरे ने कहा साहब गाड़ी में बैठे हैं, सिर्फ चेतावनी देने बोले हैं। वहीं गाड़ी से एक आदमी बोला, ये सबको हमारे रंगबाजी के बारे में बताएगा और 50 हजार पहुंचाएगा। मामले में एसडीपीओ ओमप्रकाश ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस जांच में जुटी है। इस मामले में विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि उनके खिलाफ लोस चुनाव से ही षड्यंत्र हो रहा है। अजय मंडल के खिलाफ प्रचार करने की बात उड़ाई गई। अब चुनाव आ रहा है तो फिर से साजिश रची जा रही है। नरेश के होटल में यह तीसरी बैठक थी। इसमें सांसद भी थे। इससे नाराजगी थी। नरेश को समझाया कि तुम्हारे होटल में ही बैठक क्यों होती है? उन्होंने कहा कि हथियार सटाने की बात गलत है। सांसद अजय मंडल ने विधायक के आरोपों को खारिज किया है कि उनके खिलाफ षड्यंत्र में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वह बैठक में नहीं थे, लेकिन घटना के बाद नरेश का फोन आया था। वह पार्टी से जुड़े हैं तो उनसे मिलने गया था। उन्होंने पूरी बात बतायी और कहा कि मैं केस करना चाहता हूं, तो कैसे रोका जा सकता है। जनप्रतिनिधि हों या कार्यकर्ता, हर व्यक्ति को संयमित व्यवहार करना चाहिए।

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