पटना में पुलिस ने 299 लीटर अंग्रेजी शराब की जब्त, गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई

पटना। एसकेपुरी थाना क्षेत्र में शनिवार देर रात पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की जब 299 लीटर अंग्रेजी शराब बरामद की गई। पुलिस को यह सफलता गुप्त सूचना के आधार पर मिली, जिसके बाद इस इलाके में छापेमारी की गई। तस्करों ने शराब को पिकअप वाहन में छुपाने के लिए काफी चालाकी का सहारा लिया था। उन्होंने पिकअप के अंदर एक तहखाना बनाकर शराब को छिपाया था, ताकि पुलिस की नजरों से बचा जा सके। एसकेपुरी थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि जब्त की गई शराब उत्तर प्रदेश (यूपी) ब्रांड की थी। पुलिस को पहले से ही शराब तस्करी की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। छापेमारी के दौरान पुलिस ने राधा कृष्ण द्वारिका मंदिर लेन और आनंदपुरी इलाके को निशाना बनाया। इस दौरान पुलिस को एक पिकअप वाहन संदिग्ध लगा, जिसे रोककर उसकी तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान पिकअप के नीचे बने तहखाने में शराब छिपी हुई मिली। इस मामले में पुलिस ने पिकअप के चालक और अन्य संदिग्धों की पहचान करने के लिए आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि इस तस्करी के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं और शराब की डिलीवरी कहां की जानी थी। शराब की तस्करी के इस मामले ने पुलिस के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी कौन करवा रहा था और इसका मुख्य स्रोत क्या है। पुलिस अब तस्करों की तलाश में जुटी है और उम्मीद है कि जल्द ही इस गिरोह का पर्दाफाश किया जा सकेगा। इस घटना के बाद पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और जगह-जगह जांच अभियान चलाया जा रहा है। इस तरह की तस्करी की घटनाएं पटना में शराबबंदी के बावजूद भी हो रही हैं, जिससे कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बिहार में शराबबंदी के कानून लागू होने के बावजूद, तस्कर नए-नए तरीकों से शराब की तस्करी कर रहे हैं। इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस का दावा है कि वे जल्द ही तस्करों को पकड़ लेंगे। पुलिस का कहना है कि यह मामला केवल एक शराब तस्करी का नहीं है, बल्कि इसके तार किसी बड़े गिरोह से जुड़े हो सकते हैं। एसकेपुरी थाना पुलिस की इस कार्रवाई से जहां एक ओर शराब तस्करों में खौफ फैल गया है, वहीं दूसरी ओर यह भी साबित हुआ है कि पुलिस अपनी सतर्कता और गुप्त सूचनाओं के आधार पर बड़ी से बड़ी तस्करी की योजनाओं को नाकाम कर सकती है। पुलिस अब इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही इस तस्करी के पूरे नेटवर्क का खुलासा होगा। यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि शराबबंदी के बावजूद भी तस्कर किस तरह से कानून को धता बता रहे हैं। पुलिस को इस दिशा में और भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।
