निर्माणाधीन गिरने पर अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े हुए जदयू विधायक, कहा- सिस्टम भ्रष्टाचार में लिप्त, कोई कार्रवाई नही

पटना। बिहार के भागलपुर जिले में अगुवानी-सुल्तानगंज पुल का स्ट्रक्चर गिरने की घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस घटना पर अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हुए जेडीयू विधायक संजीव कुमार ने सरकार की कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। परबत्ता के विधायक संजीव कुमार ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी और तुरंत कार्रवाई की मांग की है। संजीव कुमार ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर लिखा कि अगुवानी-सुल्तानगंज में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल तीसरी बार गिरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरा सिस्टम भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है, और इसके बावजूद किसी पर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि न तो अधिकारियों के खिलाफ, न ही एसपी सिंघला कंपनी और न ही रोडिक कन्सल्टेंसी पर कोई कानूनी कार्रवाई की गई है। विधायक संजीव कुमार ने एक और पोस्ट में विधानसभा के मानसून सत्र का वीडियो भी साझा किया, जिसमें उन्होंने इस पुल निर्माण में हो रही अनियमितताओं का मुद्दा उठाया था। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि एसपी सिंघला कंपनी और रोडिक कन्सल्टेंसी के मालिक और अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाए और पुल का निर्माण नए सिरे से शुरू किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए तो पुल फिर से गिर सकता है, लेकिन उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया। शनिवार की सुबह, गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा नदी में गिर गया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। पुल का पिलर संख्या 9 का सुपर स्ट्रक्चर गंगा नदी में समा गया। यह तीसरी बार है जब इस पुल के निर्माण के दौरान ऐसी दुर्घटना घटी है, जिससे सरकार और संबंधित विभागों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस घटना पर बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से सफाई भी दी गई। निगम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि जो हिस्सा गिरा है, उसे पहले से ही हाईकोर्ट के निर्देश पर हटाया जा रहा था और उस जगह पर नए तरीके से निर्माण होना था। निगम के अनुसार, पुल के कुछ हिस्से को हटाया जा चुका था, और बाकी हिस्सा नदी के तेज बहाव के कारण गिर गया। यह घटना बिहार में बड़े पैमाने पर हो रहे पुल निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की ओर इशारा करती है। जेडीयू विधायक संजीव कुमार का इस मामले पर सरकार की आलोचना करना यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाने के लिए अब सत्ता पक्ष के लोग भी पीछे नहीं हट रहे हैं। इससे यह साफ है कि सरकार और संबंधित विभागों को अब इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करना होगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
