आधार में गड़बड़ी से प्रदेश की 2000 से अधिक नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग रुकी, विभाग को दी गई रिपोर्ट
पटना। बिहार में नियोजित शिक्षकों की काउंसिलिंग के दौरान बड़ी समस्या सामने आई है। सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले शिक्षकों की काउंसिलिंग के समय लगभग 2000 से अधिक शिक्षकों के आधार कार्ड और बायोमेट्रिक विवरण में गड़बड़ी पाई गई है। यह गड़बड़ी उस समय सामने आई जब काउंसिलिंग के दौरान शिक्षकों के अंगूठे के निशान और आधार कार्ड पर दर्ज नाम और नंबर का मिलान किया जा रहा था। इन गड़बड़ियों के कारण इन शिक्षकों की काउंसिलिंग रोक दी गई है। शिक्षा विभाग को इस समस्या की जानकारी जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के माध्यम से हुई है। विभाग अब यह तय करेगा कि ऐसे शिक्षकों के लिए आगे क्या कदम उठाए जाएं और इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। वर्तमान में काउंसिलिंग प्रक्रिया जारी है, और आने वाले दिनों में गड़बड़ी वाले शिक्षकों की संख्या में और भी वृद्धि होने की संभावना है। काउंसिलिंग की प्रक्रिया 1 अगस्त से शुरू की गई थी, जिसमें सक्षमता परीक्षा के दौरान लिए गए अंगूठे के निशान का बायोमेट्रिक मशीन से मिलान किया जा रहा है। साथ ही, सक्षमता परीक्षा में दिए गए नाम और आधार कार्ड पर दर्ज नाम का भी मिलान किया जा रहा है। अगर इन दोनों में कोई भी जानकारी मेल नहीं खाती है, तो उस शिक्षक की काउंसिलिंग प्रक्रिया को रोक दिया जाता है। बिहार में नियोजित शिक्षकों की कुल संख्या लगभग साढ़े तीन लाख है, जिनमें से 1.87 लाख शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण की है। अब तक करीब एक लाख शिक्षकों की काउंसिलिंग पूरी हो चुकी है। काउंसिलिंग के बाद इन शिक्षकों को नए स्कूलों में पदस्थापित किया जाएगा, जहां वे विशिष्ट शिक्षक के रूप में कार्य करेंगे। दरभंगा जिले में सबसे अधिक 9850 शिक्षक सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण हुए हैं, जबकि समस्तीपुर में 8543, मुजफ्फरपुर में 8156 और सीवान में 7943 शिक्षक इस परीक्षा में सफल रहे हैं। इन सभी शिक्षकों की काउंसिलिंग के बाद उन्हें राज्य के विभिन्न स्कूलों में पदस्थापित किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों के पदस्थापन के लिए एक कमेटी गठित की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस रिपोर्ट की समीक्षा के बाद, पदस्थापन और स्थानांतरण के नियमों में भी संशोधन किया जाएगा, और इसके आधार पर विभाग नए दिशा-निर्देश जारी करेगा। फिलहाल, काउंसिलिंग प्रक्रिया जारी है और जिन शिक्षकों के आधार कार्ड या बायोमेट्रिक विवरण में गड़बड़ी पाई गई है, उनके लिए शिक्षा विभाग जल्द ही उचित निर्णय लेगा।


