November 28, 2025

भद्रा और पंचक के प्रभाव में 19 को दोपहर के बाद मनेगा रक्षाबंधन, डेढ़ बजे के बाद होगा शुभ मुहूर्त

पटना। रक्षाबंधन, जो भाई-बहन के रिश्ते की पवित्रता और सुरक्षा का पर्व है, इस वर्ष भद्रा और पंचक के प्रभाव के कारण विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो गया है। पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा, लेकिन इस दिन भद्र और पंचक के प्रभाव के कारण शुभ मुहूर्त में कुछ परिवर्तन हो रहे हैं। भद्रा और पंचक का समय ज्योतिषीय दृष्टिकोण से शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है। भद्रा का प्रभाव सुबह रहेगा, जिससे राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दिन के बाद से ही शुरू होगा। भद्रा का समय समाप्त होते ही दोपहर 1:30 बजे के बाद रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त शुरू होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 19 अगस्त को दिन के पहले भाग में भद्रा काल रहेगा, जो सुबह से लेकर दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा। इसके बाद का समय रक्षाबंधन के लिए शुभ माना जाएगा। इस दौरान भाई की कलाई पर राखी बांधने से शुभ फल की प्राप्ति होगी और भाई-बहन के रिश्ते में और मधुरता आएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा काल में किए गए कार्य में नुकसान होता है। ज्योतिष आचार्य पीके युग ने पंचांगों के हवाले से बताया कि सावन पूर्णिमा के दिन लगने वाला भद्रा का वास पाताल लोक में है। ऐसे में पृथ्वी पर इसका प्रभाव नहीं होगा। सावन पूर्णिमा के दिन अंतिम सोमवारी होने के कारण दिन विशेष रूप से शुभ होगा। इस दिन शोभन व सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बना रहेगा। रक्षाबंधन का समय दोपहर बाद रात 8.12 बजे तक शुभ मुर्हूत है।
19 अगस्त को बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग
वहीं, सावन पूर्णिमा के दिन रात 8.12 बजे से चंद्रमा कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इस दौरान पंचक भी प्रारंभ हो रहा है। 19 अगस्त सोमवार के दिन श्रवण नक्षत्र होने से सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सोमवार का दिन श्रवण नचत्र विशेष रूप से पूजनीय माना जाता है। रक्षाबंधन का पर्व मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में रहेगा। मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में भद्रा पाताल वासिनी रहेगी। यह धन कारक मानी जाती है। इस दिन कोई शुभ कार्य की शुरुआत अनुकूल मानी जाती है। इस शुभ अवसर पर, भाई-बहनें नए वस्त्र धारण करें और विधि-विधान से पूजा करें। राखी बांधते समय भाई के माथे पर तिलक लगाएं और उसकी कलाई पर राखी बांधें। इसके बाद मिठाई खिलाकर अपनी शुभकामनाएं दें। इस प्रकार, रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाएगा और जीवन में खुशियों की बहार लाएगा। रक्षाबंधन के इस विशेष दिन पर भाई-बहन एक-दूसरे के प्रति अपने प्रेम और स्नेह को प्रकट करते हैं। बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हैं। इस वर्ष भद्रा और पंचक के प्रभाव के कारण, राखी बांधने का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो गया है। इसलिए, ज्योतिषाचार्यों की सलाह है कि राखी बांधने से पहले शुभ मुहूर्त का ध्यान रखा जाए।

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