बिहार में अब जमीन रजिस्ट्री के लिए नहीं लगाने होंगे कार्यालय के चक्कर, पोर्टल पर ऑनलाइन प्रक्रिया, घर से जमा होंगे चालान

पटना। बिहार सरकार जमीन निबंधन से जुड़ी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए निबंधन पोर्टल में कई महत्वपूर्ण बदलाव करने जा रही है। अब लोगों को जमीन निबंधन के लिए निबंधन कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। घर बैठे ही चालान जमा करने और टोकन प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। निबंधन विभाग ने अपनी वेबसाइट में कई नई सुविधाएं जोड़ी हैं, जो लोगों के लिए निबंधन प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाएंगी। विभागीय स्तर पर इन बदलावों का अंतिम परीक्षण चल रहा है और कुछ सुधार भी किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि अगले महीने से ये सुविधाएं लोगों को उपलब्ध होंगी। नए पोर्टल के माध्यम से लोग निबंधन के लिए आवश्यक टोकन नंबर और शुल्क की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। टोकन नंबर में वेटिंग समय भी कम हो जाएगा, जिससे निबंधन प्रक्रिया तेज हो जाएगी। वेबसाइट पर विवरण भरने के बाद, शुल्क की जानकारी मिल जाएगी और ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के माध्यम से चालान जमा किया जा सकेगा। टोकन नंबर प्राप्त होने पर, निबंधन की तारीख और समय निर्धारित हो जाएगा। आवंटित समय पर निबंधन कार्यालय पहुंच कर व्यक्ति को केवल बॉयोमेट्रिक और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने होंगे। दस्तावेजों का मिलान वास्तविक पहचान-पत्र से किया जाएगा। नई वेबसाइट अधिक सुविधाजनक और तेज होगी, जिससे कई तरह के आवेदन एक साथ किए जा सकेंगे। इसकी क्षमता पहले से कई गुना बढ़ाई जा रही है, जिससे निबंधन प्रक्रिया में कम समय लगेगा। मौजूदा व्यवस्था में निबंधन के लिए कंप्यूटरकृत व्यवस्था तो है, लेकिन चालान और टोकन के लिए निबंधन कार्यालय जाना पड़ता है। इससे कार्यालय में दलाली और बिचौलिया तंत्र हावी रहता है। निबंधन विभाग की मौजूदा वेबसाइट में धीमी गति और हैंग होने की समस्याएं हैं, जिससे निबंधन प्रक्रिया में देरी होती है। अब नई वेबसाइट के साथ, लोग जमीन का विवरण डालकर निबंधन शुल्क की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, जो पहले निबंधन कार्यालय के कर्मी या कातिब की मदद से ही संभव था। नई व्यवस्था में मॉडल डीड को देख सकते हैं और विवरण भरकर इसका प्रिंट आउट ले सकते हैं, लेकिन पूरी निबंधन प्रक्रिया को ऑनलाइन पूरा कर सकेंगे। इस बदलाव से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि निबंधन प्रक्रिया में पारदर्शिता और सरलता भी आएगी। लोगों को कार्यालय के चक्कर लगाने और बिचौलियों के झंझट से मुक्ति मिलेगी, जिससे निबंधन प्रक्रिया अधिक सुलभ और प्रभावी होगी।

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