प्रधानाध्यापक नियुक्ति मे सीबीएसई स्कूलों में काम कर चुके अभ्यर्थियों को मिलेगा लाभ, आयोग का निर्देश जारी

पटना। हेडमास्टर नियुक्ति में सीबीएसई स्कूलों में काम का अनुभव भी जोड़ा जाएगा। अपग्रेड और नवस्थापित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हेडमास्टर नियुक्ति में यह बदलाव किया गया है। अनुभव को लेकर अलग-अलग साल और शर्त निर्धारित किये गए हैं। सेवा की गणना में नियोजित शिक्षकों के कार्य अनुभव को जोड़ा जाएगा। 4 से 12 साल तक की सेवा की गणना इसमें होगी। सीबीएसई और सरकारी स्कूल में अगर पढ़ाया है तो वह अनुभव भी जोड़ा जाएगा। इसको लेकर शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने बिहार लोक सेवा आयोग के सचिव को पत्र लिखा है। उत्क्रमित-नवस्थापित उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के कुल 6061 पदों पर नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। इसमें अभ्यर्थियों के अनुभव के संबंध में प्रावधान किया गया। निदेशक ने कहा है कि चूंकि वर्तमान में स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त शिक्षक भी विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्त हो चुके हैं, ऐसी स्थिति में अनुभव के संबंध में आवश्यक प्रावधान में स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त उच्च माध्यमिक शिक्षक यदि वर्ग 11-12 के विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्त हो गए हैं तो न्यूनतम चार वर्ष की लगातार सेवा की गणना में स्थानीय निकाय की अवधि को भी जोड़ा जा सकेगा। पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त माध्यमिक शिक्षक यदि वर्ग 9-10 के विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्त हो गए हैं तो न्यूनतम आठ वर्ष की लगातार सेवा की गणना में स्थानीय निकाय की अवधि को भी जोड़ा जा सकेगा। पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त माध्यमिक शिक्षक यदि वर्ग 11-12 के विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्त हो गए हैं तो न्यूनतम आठ वर्ष की लगातार सेवा की गणना में स्थानीय निकाय की अवधि को भी जोड़ा जा सकेगा। सीबीएसई, आईसीएसई, बीसीईबी द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों में माध्यमिक शिक्षक के पद पर कार्यरत रहे हों और बाद में पंचायतीराज, नगर निकाय संस्था, बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विद्यालय अध्यापक के माध्यमिक (9-10), उच्च माध्यमिक (11-12) विद्यालय अध्यापक के पद पर कार्यरत रहने की स्थिति में प्राप्त अनुभव दोनों तरह के विद्यालयों की अनुभव अवधि को एक साथ जोड़कर न्यूनतम 12 वर्ष की अवधि मान्य होगी। सीबीएसई, आईसीएसई मान्यता प्राप्त विद्यालयों में उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर कार्यरत रहे हों और बाद में पंचायतीराज, नगर निकाय संस्था, बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विद्यालय अध्यापक के उच्च माध्यमिक (11-12) विद्यालय अध्यापक के पद पर कार्यरत रहने की स्थिति में प्राप्त अनुभव दोनों तरह के विद्यालयों की अनुभव अवधि को एक साथ जोड़कर न्यूनतम 10 वर्ष की अवधि मान्य होगी।
