झारखंड में भाजपा की हार पर केसी त्यागी ने उठाए एनडीए में समन्वय और संवादहीनता के सवाल

पटना। राष्ट्रीय जनतांत्रिक दल में भाजपा के सहयोगी पार्टी जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने झारखंड में बीजेपी की हार पर इसके लिए उसे खुद ही जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि हार की मुख्य वजह वहां एनडीए का नहीं होना तथा सरकार की आदिवासियों के खिलाफ नीति रही। इससे बीजेपी को सबक लेनी चाहिए।
ये रहा बीजेपी की हार का कारण
केसी त्यागी ने कहा है कि झारखंड का निर्माण आदिवासियों की पहचान और उनके उत्थान के लिए किया गया था। वहां बीजेपी ने एक गैर आदिवासी रघुबर दास को मुख्यमंत्री बनाकर गलत किया। रघुवर दास भी सुपर सीएम की तरह पेश आने लगे। अपने राजनीति विरोधियों को दुश्मन समझने की उनकी नीति भारी पड़ी। सरयू राय जैसे नेताओं को तो वे व्यक्तिगत दुश्मन मानने लगे थे। बीजेपी ने छोटानागपुर टेनेसी एक्ट में बदलाव करके भी बड़ी गलती की।
एनडीए के अस्तित्व पर उठने लगे सवाल
त्यागी ने कहा कि पहले महाराष्ट्र, फिर झारखंड के चुनाव में हार से एनडीए के अस्तित्व पर सवाल उठने लगे हैं। महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम के बाद एनडीए अपने पुराने सहयोगी शिवसेना को खो बैठा तो झारखंड चुनाव से पहले आजसू सीट बंटवारे के मुद्दे पर गठबंधन से अलग हो गया। झारखंड की बात करें तो वहां लोजपा और जेडीयू एनडीए से बाहर थे। इनपर सवाल उठ रहे हैं। त्यागी ने कहा कि झारखंड में हार से बीजेपी को सबक लेना चाहिए। यह उसकी लगातार पांचवी हार है।
बिहार में मजबूत सीएम हैं नीतीश
बिहार के संदर्भ में केसी त्यागी ने स्पष्ट रूप से कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजग की मजबूत सरकार है। खुद नीतीश कुमार एक मजबूत मुख्यमंत्री हैं। झारखंड की हार से एनडीए को मजबूत करने का सबक लिया जा सकता है।
गठबंधन के नेताओं का करें सम्मान
केसी त्यागी ने कहा कि जरूरी है कि गठबंधन के नेताओं का सम्मान किया जाए। साथ ही एनडीए में समन्वय और संवादहीनता के सवाल भी हैं। जेडीयू के साथ-साथ अकाली दल भी लगातार इस ओर ध्यान दिलाता रहा है, लेकिन छह साल बीत जाने के बाद भी इसपर बीजेपी ने ध्यान नहीं दिया है।
बीजेपी के कामकाज पर भी सवाल
केसी त्यागी ने बीजेपी आलाकमान के कामकाज के तरीके पर भी सवाल उठाए। कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पर जेडीयू अपना स्टैंड स्पष्ट कर चुका है। पार्टी एनआरसी को बिहार में लागू करने के खिलाफ है।

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