पटना में फिर हो सकता है ऑटो स्ट्राइक : संघ के मेंबर बोले- सरकार ने हमारी समस्या पर नहीं किया विचार, राज्यपाल के OSD को सौंपा विज्ञापन
पटना। राजधानी पटना में एक बार फिर ऑटो चालक हड़ताल पर जा सकते है। बता दे की ‘ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर फेडरेशन’ के बिहार के महासचिव राजू झा ने यह जानकारी दी है। बताया जा रहा है की फेडरेशन के लोग आज राज्यपाल से मिलने जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें पटना जंक्शन के पास ही रोक दिया। हालांकि, 5 सदस्यों का एक दल राजभवन गया, लेकिन राज्यपाल से मुलाकात नहीं हो सकी। राज्यपाल के OSD ने मिलकर उन्होंने अपनी मांगे बताई। वही इस मुलाकात के बाद ही राजू झा ने बताया कि हम लोग राज्यपाल के पास अपना मांगपत्र पहुंचा चुके हैं। आने वाले 10 दिन हम लोग इंतजार करेंगे। राज्यपाल अगर कुछ करेंगे तो ठीक नहीं तो 11वें दिन तय करेंगे कि कब से हड़ताल किया जाए। मांग नहीं माने जाने पर पिछली बार से ज्यादा उग्र हड़ताल करेंगे। बता दें कि राजधानी पटना में बीते माह 1 से 5 सितंबर तक ऑटो चालकों की हड़ताल हुई थी। इसमें ई-रिक्शा के भी शामिल होने से शहरवासियों की परेशानी बढ़ गई थी। ऑटो चालकों की मांगों में जंक्शन पर स्टैंड जल्द बनाने, यात्री किराया पर विचार करने, परिवहन कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने, स्मार्ट सिटी में गरीबों को रहने का हक देने व फुटपाथी दुकानदारों को जगह देना शामिल है।

बता दे की ऑटो चालक जंक्शन के ऑटो स्टैंड से निकलकर डाकबंगला चौराहा होते हुए राज्यपाल के समक्ष प्रदर्शन करने की योजना बना रहे थे। जैसे ही कुछ ऑटो चालक व फुटपाथी दुकानदार स्टेशन से निकले, पुलिस ने उन्हें रोक लिया। वहां मजिस्ट्रेट पहले से मौजूद थे। मजिस्ट्रेट के कहने पर सभी लोग वापस हो गए। वही मजिस्ट्रेट ने ऑटो रिक्शा चालक संघ के 5 सदस्यों को अपने साथ लिया व राज्यपाल के यहां ले गए। हालांकि, राज्यपाल से सदस्यों से मुलाकात तो नही हुई, लेकिन OSD से मिलकर उनको अपना मांग पत्र सौंपा गया। संघ के सदस्यों ने राज्यपाल के OSD से आग्रह किया कि हमारी मदद करें। हमारी सभी मांग जायज है। पिछले महीने हम लोगों ने 5 दिन हड़ताल किया था। हमें आश्वासन दिया गया था कि आप लोग अपनी हड़ताल खत्म करें, आप लोगों की मांगों पर विचार किया जाएगा। हम लोगों ने प्रशासन की बात मानकर और लोगों को हो रहे परेशानी को देखते हुए हड़ताल स्थगित कर दिया था। लेकिन, आज लगभग एक महीना बीत जाने के बाद भी किसी से कोई बात नहीं हो सकी। हमारी सभी समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं।

