जातीय गणना के आँकड़े की सत्यता पर अनर्गल बयान विरोधियों की हताशा को दर्शाता है : उमेश कुशवाहा

पटना। बिहार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने शुक्रवार को बयान जारी कर भाजपा व उसके सहयोगियों पर जमकर हमला बोला। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार की जनता को भरमाने के लिए भाजपा और उसके सहयोगी दल राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर जातीय गणना के आंकड़ों पर बेबुनियाद और तथ्यहीन सवाल उठा रहे हैं। बिना किसी ठोस आधार के जातीय गणना की पूरी प्रक्रिया को कटघरे में खड़े करना उनकी हताशा और बेचौनी को दर्शाता है। प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि भाजपा की गोद में बैठकर जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान भी भाजपा की भाषा बोल रहे हैं। जातीय गणना का मूल उद्देश्य दलित और पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना है, लेकिन दलितों एवं पिछडों के नाम पर अपनी राजनीतिक दुकान चलाने वाले नेता आज जातीय गणना पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। यह बताता है कि ये लोग दलितों और पिछडों को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं। इनकी नीयत में खोंट है लेकिन बिहार की जनता भी अब इनके असलियत को पहचान चुकी है। प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि कुछ राजनीतिक दल केवल अपना और अपने परिवार का हित साधने के लिए भाजपा के सामने नतमस्तक हो चुकें है, इसलिए भाजपा के इशारे पर बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर BJP और उनके सहयोगियों को लगता है कि जातीय गणना में कोई गड़बड़ी हुई है तो केन्द्र सरकार से देशभर में जातीय जनगणना कराने की मांग करे। सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। लेकिन वो ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि जातीय गणना उनकी चिंता नहीं है। असल में उन्हें अपना राजनीतिक आधार खिसकने की चिन्ता है इसलिए वो डरे और बौखलाए हुए हैं।

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