सुसाइड प्रिवेंशन डे पर चिकित्सकों ने किया जागरुकता सेमिनार का आयोजन

तिलौथू (रोहतास) आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं देश व समाज के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में चिकित्सक सामाजिक सेवा करते हुए, आत्महत्या की घटना को रोकथाम के लिए, इस तरह के सेमिनार आयोजित कर अपनी सामाजिक भागीदारी दर्शाते हैं। उक्त बातें शहर के प्रसिद्ध मनो चिकित्सक डॉक्टर यू के सिन्हा ने सोमवार को पाली रोड स्थित संवेदना न्यूरोसाय कियेटिक में वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे पर आयोजित जागरुकता सेमिनार के संबोधन में कहीं। आईपीएस और आईएमए के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित जागरुकता सेमिनार में डॉक्टर यू के सिन्हा ने कहा, की आईएएस-आईपीएस से लेकर किसान, युवा और आम लोग आत्महत्या कर रहे हैं। जो सभ्य समाज के लिए खतरा है। जीवन में सभी समस्याओं का समाधान है। किंतु मौत का समाधान नहीं है। ऐसे में किसी समस्या को लेकर आत्महत्या किया जाना मानसिक जागरूकता की कमी है। उपस्थित लोगों को सुझाव देते हुए कहा, कि अभिभावक अपने बच्चों के साथ समय दें, और उनकी तनाव की स्थिति को भी समझें तथा उनके साथ ऐसा व्यवहार करें। ताकि वह आत्महत्या जैसे शब्द के बारे में सोचें तक नही। यूथ प्रेस क्लब के महासचिव पत्रकार कमलेश कुमार ने कहा, कि बिहार के किसानों की स्थिति से सबक लेते हुए, देश के किसानों व अन्य लोगों को सोचना चाहिए, कि यहां के किसान विकट परिस्थिति में भी बाढ़, अकाल को झेलते हुए, फसल बर्बादी के बावजूद अपनी हिम्मत नहीं छोड़ते हैं। सेमिनार को आईएमए अध्यक्ष बद्री विशाल राय, डॉ रामजी सिंह, डॉ एसएन बजाज, डॉ जे एस कश्यप, डॉ मनोज अग्रवाल, डॉ मालिनी पांडेय अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद आदि ने संबोधित किया।

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