बोधगया में राज्यपाल ने बुद्ध जयंती कार्यक्रम का किया शुभारंभ; निकाली गई भव्य शोभायात्रा, शांति और सद्भावना का दिया संदेश

गया। बुद्ध जयंती समारोह का शुभारंभ राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने दीप जलाकर किया। इसी के साथ थेरोवाद परंपरा के बौद्ध भिक्षुओं ने सूत पाठ किया। इसके बाद अब महायान पंरपरा के तहत बौद्ध भिक्षु सूत पाठ कर रहे हैं। इस मौके पर राज्यपाल ने बीटीएससी की पत्रिका प्रज्ञा का विमोचन किया साथ ही कैलेंडर का लोकार्पण किया। इस मौके पर समारोह को संबोधित किया। उन्होने कहा कि किताबों में पढ़ने के लिए भगवान बुद्ध और बोधगया के बारे में मिला था। आज उनकी जयंती मनाने का अवसर हमे मिला है। उन्होंने भगवान बुद्ध को भगवान श्री कृष्ण का अवतार बताया। उन्होंने कहा कि धर्म का मतलब सही दिशा, सही विचार, क्या करना क्या नहीं करना इसी को हमारे यहां धर्म कहा गया। यही विचार भगवान बुद्ध का हैं। भगवान बुद्ध के विचार न किसी जाति पंथ, सेक्शन के बल्कि उनकी कृति आज विश्व के मानव की संपत्ति है। भारत के लोगों ने कभी ऐसा नहीं कहा कि भगवान बुद्ध के विचार हमारे हैं। उनके विचार पूरे विश्व के लिए है। यह भी प्रयास रहता है कि भगवान बुध का विचार विश्व के सभी देशों में पहले और लोक उद्देश्य की प्राप्ति कर सकें। उन्होंने कहा कि मोक्ष प्राप्ति का रास्ता भगवान बुद्ध के मार्ग पर चलने से ही मिलता है। इसलिए हमें प्रयास करना चाहिए कि भगवान बुद्ध के मार्ग पर हम लोग चले और उनके संदेशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि आज यह संकल्प लेकर यहां से जाएं कि भगवान बुद्ध सन्देश को आत्मसात करें। साथ ही उनके बताए मार्ग पर चलें। इस मौके पर कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत कमिश्नर मयंक बड़े-बड़े डीएम डॉक्टर त्यागराजन ने भी भगवान बुध के संदेश के बारे में अपनी बातें कहीं।

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