जातीय गणना पर तात्कालिक रोक दुर्भाग्यपूर्ण, नीतीश सरकार के सुस्त रवैया व लापरवाही का नतीजा : उपेंद्र कुशवाहा
पटना। बिहार में जातीय गणना पर पटना हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई तात्कालिक रोक का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। वही कोर्ट के फैसले पर यह टिप्पणी RLJD प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को किया। वही उन्होंने कहा कि सरकार के पास आंकड़ा नहीं है यह सबको मालूम है। ऐसे में इस प्रकार के आंकड़े की जरूरत है। जातीय जनगणना पर चल रही क़ानूनी लड़ाई में राज्य सरकार को चाहिए था कि पूरी तैयारी के साथ मुकदमा लड़ती। वही उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार के सुस्त रवैया और नॉन सीरियस होने का परिणाम है कि ऐसा फैसला आया है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार यह रवैया पहली बार नही दिखा है। राज्य सरकार पहले भी लापरवाह ढंग से काम करती रही है। इसीका नतीजा है की ऐसे फैसले आए हैं। बिहार की सरकार और नीतीश कुमार जो दूसरे राज्य में जाकर घूमते हैं और इसी कारण ये सब हुआ है। यह दिखाता है कि सरकार को कोई रुचि कोर्ट के किसी भी फैसले पर नहीं है। वही उन्होंने कहा की CM नीतीश ऐसी चीजों में रूचि नहीं रखते हैं। इसी कारण अब जातीय गणना पर पटना हाई कोर्ट ने रोक लगाने का आदेश दिया है। आगे उन्होंने कहा कि यह नीतीश सरकार की जवाबदेही थी वह कोर्ट को समझाती कि जातीय गणना का निर्णय संविधान के विरुद्ध नहीं है। लेकिन, जो फैसला आया है उससे स्पष्ट है कि कुल मिल जुलकर राज्य सरकार की लापरवाही से यह हुआ है। वही उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार से कड़े शब्दों में मांग की कि अब तुरंत इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जाए। काम में रुचि लेकर इसे नीतीश सरकार सफल बनाए ताकि फैसला बदला जा सके।


