बिहार में रमजान पर सियासत : सरकारी कार्यालयों व स्कूलों में टाइमिंग को ले BJP ने जताया विरोध, मोदी ने कहा- ये आदेश वापस लें सरकार

पटना। बिहार में रमजान के महीने में राजनीति भी तेज है। बिहार सरकार ने सरकारी कार्यालयों और सरकारी स्कूलों में टाइमिंग को ले कर BJP ने विरोध जताया है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि रमजान के महीने में केवल मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों को एक घंटे पहले ड्यूटी पर आने और जाने की छूट के पुराने आदेश की मनमानी व्याख्या की गई है। वही मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा में सभी प्रारम्भिक स्कूलों में पढाई की अवधि ही आधी कर दी गई, जबकि इन स्कूलों में 90 फीसद छात्र हिंदू हैं। सुशील मोदी ने कहा कि RJD की साम्प्रदायिक राजनीति के दबाव में नालंदा, किशनगंज सहित कुछ जिलों के शिक्षा पदाधिकारी तुगलकी फरमान जारी कर उसे बहुसंख्यक हिंदू छात्रों पर थोप रहे हैं। ऐसे आदेश को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। वही उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में RJD शासन के दौरान केवल मुसलिम कर्मचारियों को रमजान के महीने में रियायत देने का विवादास्पद आदेश जारी हुआ था, लेकिन 10 साल में कभी लागू नहीं हुआ। मार्च 2023 में इसे दोबारा जारी कर धर्मनिरपेक्षता की धज्जी उड़ायी जा रही है और अल्पसंख्यकवाद को हवा दी जा रही है। वही पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि नालंदा जिले में रमजान के पूरे महीने तक प्रारम्भिक विद्यालयों की सुबह की पाली का समय मात्र 3 घंटा और दिवा पाली का समय मात्र 4 घंटे रहेगा, जबकि स्कूल में पढाई की अवधि सामान्य: 6-7 घंटे होती है। वही उन्होंने कहा कि किशनगंज में सभी सरकारी और निजी स्कूल रमजान के दौरान सुबह 8 बजे से अपराह्न 3 बजे तक खोलने का आदेश जारी किया है। इसे निजी स्कूलों को भी मानना है।

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