बिजली आपूर्ति दर में की गई वृद्धि सरकार का जनविरोधी फैसला : राजेश भट्ट

पटना। बिहार सरकार द्वारा विद्युत आपूर्ति दर में की गई वृद्धि पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता राजेश भट्ट का कहना है कि अन्य प्रदेशों की तुलना में बिहार सरकार पहले से ही महंगी दर पर बिजली बेच रही है और अब उसमें 24.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी उसकी जन-विरोधी नीतियों को उजागर कर रही है। वही इस फैसले से लूट और भ्रष्टाचार को बढावा मिलेगा, जिसे लोजपा (रा) कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। वही भट्ट ने आगे कहा कि नीतीश सरकार पुरी तरह निरंकुश हो गई है। जनता के भला-बुरा से उसका कोई सरोकार नहीं है। उसका हर फैसला जन-विरोधी है। बिजली बिल में की गई बढ़ोतरी उसी निरंकुशता और जन-विरोधी मानसिकता का परिचायक है। वही भट्ट का कहना है कि शराबबंदी से हो रहे राजस्व नुकसान की भरपाई सरकार बिजली बिल में अनाप-सनाप बढ़ोतरी से पूरा करना चाहती है। बिहार में विद्युत आपूर्ति दर में हुई 24.10 प्रतिशत की वृद्धि के बाद अब जनता को प्रति यूनिट 5.82 रुपया की जगह 8.30 रुपया देना पड़ेगा, जबकि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में न्यूनतम दर 5.18 रू, पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में 3.35 रू, गोवा में 1.60 रू, सिक्किम में 1 रू, तमिलनाडु में 1.5 रू. जबकि ओडिशा में 3 रू. है। बिहार सरकार का यह फैसला प्रदेश के प्रत्येक परिवार के घरेलू बजट को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा, साथ ही प्रदेश में कल कारखानों समेत तमाम औद्योगिक विकास और कृषि को भी संचालित करने में अवरोधक बनेगा। वही भट्ट का कहना है कि नीतीश कुमार जी की गलत नीतियों की वजह से आज बिहार विकास के हर मानदंडों पर पिछले पायदान पर स्थापित हो गया है। वही भट्ट ने चेतावनी भरे लहज़े में कहा कि प्रदेश में बिजली के आपूर्ति और खरीद के बीच मुख्यमंत्री द्वारा तैयार किए गए सिंडिकेट के जरिए अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर जनता के पैसों का लूट की जा रही है, जिसे लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। वही भट्ट ने मुरलीधर में हुई वृद्धि को त्वरित प्रभाव से वापस लेने की मांग की है।

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