PATNA : 9 महीने बाद स्कूलों में लौटी रौनक, सहपाठी से मिल छात्र-छात्राओं के खिले चेहरे, चर्चा में रहा कोरोना

फुलवारी शरीफ। पटना के संपतचक बैरिया स्थित प्रेमालोक मिशन स्कूल में 9 माह बाद कोरोना संकट से उबरने पर स्कूल पहुंचे बच्चों की हंसी ठिठोलियां और शोरगुल से पूरा विद्यालय परिसर गुलजार हो गया। विद्यालय निदेशक गुरु प्रेम ने कहा कि स्कूल खुलने पर परिसर में फिर से रौनक लौट आयी है और स्कूल में कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन किया जा रहा है। कोरोना लॉकडाउन के चलते मार्च के बाद से सोमवार को छात्र-छात्राएं महीनों बाद स्कूल पहुंचे तो उनके बीच चर्चा का प्रमुख विषय कोरोना रहा। क्लास में विद्यार्थियों को पढ़ा रहे शिक्षकों ने भी माना कि कोरोना ने शिक्षा जगत को चौपट कर दिया है, इसलिए हमें कोरोना से बचना है और पढ़ाई भी करना है। छात्र-छात्राओं ने बताया कि कोरोना वैश्विक महामारी को लेकर स्कूलों के द्वारा जो आॅनलाइन क्लासेज की व्यवस्था की गई थी। उससे कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि फिजिकली शिक्षक के समक्ष उपस्थित होकर पढ़ाई के दौरान जो बातें समझ में आती है, वह आॅनलाइन समझ में नहीं आई। जिसके कारण पढ़ाई पूरी तरह से बाधित हो गई है। परीक्षा में कुछ महीने शेष रह गए हैं। हम लोग बेहतर प्रदर्शन करने के लिए दिन रात एक कर देंगे।
परसा नत्थूपुर रोड में स्थित एसडीवी पब्लिक स्कूल के निदेशक राजेश्वर प्रसाद ने बताया कि सरकार एवं जिला प्रशासन के द्वारा जो गाइडलाइन दिया गया है, उसके अनुरूप ही छात्र-छात्राओं को सेक्शन वाइज बुलाया गया है। नौ महीने तक स्कूल से दूर रहने के कारण छात्र-छात्राओं के शिक्षा के स्तर में जो गिरावट आई है, उसे शिक्षक अपने स्तर पर अधिक समय देकर एक्स्ट्रा क्लासेस के जरिये पूरा कराएंगे।
एफसीआई रोड, फुलवारी के मदर्स इंटर नेशनल स्कूल के डायरेक्टर अरशद अहमद ने कहा कि कोविड के नियमों का पालन कर स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था कर बच्चों को कम समय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करायी जाएगी, जिससे उनका बेस भी मजबूत हो और आने वाले परीक्षा में वह बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

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