PARAS अस्पताल के 8 साल : 4 लाख से अधिक मरीजों का इलाज और 40,000 से अधिक हुई सर्जरी
पटना। पारस एचएमआरआई अस्पताल ने पटना में आठ वर्ष पूरा कर लिया है और इस दौरान कई मुकाम हासिल किया। यह अस्पताल बिहार का लाइफलाइन बन कर उभरा है। अत्याधुनिक मशीनों, वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम एवं उच्च स्तरीय स्वास्थ सेवाओं की वजह से अस्पताल ने बिहार में अपनी एक खास जगह बनाई एवं हृदय, हड्डी ,न्यूरो सर्जरी, किडनी, कैंसर एवं अन्य सभी प्रमुख रोगों का इलाज एक हीं छत के नीचे उपलब्ध कराने वाला राज्य का पहला अस्पताल बना। उक्त बातें पारस अस्पताल प्रबंधन ने गुरूवार को प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा।
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि अभी तक अस्पताल द्वारा लगभग 4 लाख मरीजों का इलाज हो चुका है। जिसमें 40,000 से अधिक सर्जरी की गई और 50,000 से अधिक गंभीर मरीजों को इमरजेंसी चिकित्सा प्रदान की गई। वहीं 15000 से अधिक कीमोथेरेपी एवं 4000 से अधिक मरीजों का रेडिएशन द्वारा सफल इलाज किया गया। पारस अस्पताल में 100 से अधिक बेड का विश्वस्तरीय क्रीटीकल केयर यूनिट एवं आपातकालीन सेवायें उपलब्ध है। कैंसर के उपचार के लिए लोगों को राज्य से बाहर जाने की मजबूरी खत्म हो गई है। बोन मेरो ट्रांसप्लांट और किडनी ट्रांसप्लांट पहली बार यहीं व्यवस्थित तरीके से शुरू हुआ। खासकर बोन मेरो ट्रांसप्लांट के लिए तो यह पहला सेंटर रहा।
अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि कोविड काल में अस्पताल ने रातों-रात अपने 50 प्रतिशत से अधिक बेड को कोविड क्रिटीकल बेड में तब्दील किया। निजी क्षेत्र का एकमात्र अस्पताल है जिसके पास अपना आॅक्सीजन स्टोरेज टैंक है। आगे कहा कि हमारे लिए मरीज पहली प्राथमिकता है। हमलोग अपने मरीजों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवा मुहैया करा रहे हैं, जिसमें पटना के अलावा 60 से 70 प्रतिशत मरीज अन्य जिलों एवं राज्यों से भी होते हैं। पारस हेल्थकेयर के उत्तर एवं पूर्वी भारत में कुल 8 अस्पताल हैं।