बक्सर में जहरीला पास्ता खाने से एक परिवार के 7 लोग बीमार, अस्पताल में दो की मौत
बक्सर। बिहार के बक्सर जिले के दहीवर गांव में सोमवार की देर शाम एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जिसने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। जानकारी के अनुसार, गांव के एक ही परिवार के सात सदस्यों ने घर में बना पास्ता खाया। पास्ता खाने के कुछ ही समय बाद सभी की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। उन्हें तेज उल्टी और दस्त की शिकायत हुई, जिससे परिवार के लोग घबराकर तुरंत उन्हें बक्सर सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने सभी को प्राथमिक उपचार दिया, लेकिन हालत गंभीर देख उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) रेफर कर दिया गया। हालांकि, परिजन बेहतर सुविधा की तलाश में मरीजों को वाराणसी लेकर चले गए। वहां इलाज के दौरान दो लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य की हालत अभी भी नाजुक बताई जा रही है और उनका इलाज जारी है। घटना की सूचना मिलते ही औद्योगिक थाना की पुलिस टीम गांव पहुंची और मामले की छानबीन शुरू कर दी। पुलिस ने मृतकों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों की पुष्टि हो सकेगी। अभी तक यह साफ नहीं है कि मौतें जहरीला खाना खाने से हुईं या इसके पीछे कोई अन्य वजह है। गांव में घटना के बाद तरह-तरह की चर्चाएं और अफवाहें फैल गई हैं। कुछ लोगों का मानना है कि परिवार के किसी सदस्य ने जानबूझकर खाने में जहर मिला दिया था। हालांकि पुलिस और प्रशासन ने ऐसी किसी भी आशंका की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। अधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि बिना प्रमाण के ऐसी बातें करना उचित नहीं है, क्योंकि इससे अफवाह फैलने का खतरा बढ़ता है और माहौल बिगड़ सकता है। जिला प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि वे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें। बाजार या घर में रखे खाद्य सामग्री की सही स्थिति की जांच करना जरूरी है। विशेषकर पैकेज्ड फूड और तैयार किए गए खाद्य पदार्थों को इस्तेमाल करने से पहले उनकी ताजगी और सुरक्षित होने का ध्यान रखना चाहिए। यह घटना न केवल दहीवर गांव बल्कि पूरे बक्सर जिले के लिए चिंता का विषय है। एक साधारण से भोजन ने पूरे परिवार को मौत और बीमारी की स्थिति में पहुंचा दिया। यह हादसा इस बात की ओर इशारा करता है कि खाद्य सुरक्षा को लेकर हमें और सतर्क रहने की आवश्यकता है। साथ ही, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की जांच के बाद ही सही कारणों का पता चलेगा। फिलहाल, गांव में मातम और चिंता का माहौल है, जबकि मृतकों के परिवार को गहरा सदमा लगा है। इस पूरे प्रकरण से एक बड़ा सबक यह मिलता है कि घर हो या बाजार, खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की अनदेखी जीवन के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।


