November 17, 2025

बिहार में 2026 में 44 दिनों की होगी सरकारी छुट्टियां, सरकार ने की घोषणा

पटना। बिहार सरकार ने आगामी वर्ष 2026 के लिए छुट्टियों का कैलेंडर जारी कर दिया है। इस कैलेंडर में सरकारी कर्मचारियों को कुल 44 दिनों का अवकाश मिलेगा। यह घोषणा सामान्य प्रशासन विभाग के प्रस्ताव पर नीतीश कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति मिलने के बाद की गई है। छुट्टियों का यह निर्धारण हर वर्ष होता है, लेकिन 2026 का अवकाश विशेष रूप से चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि यह चुनावी साल भी होगा। सरकार ने सभी समुदायों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए छुट्टियों की सूची तैयार की है ताकि किसी तरह का विवाद उत्पन्न न हो। जारी सूची के अनुसार, 2026 में सरकारी कार्यालयों में 11 दिन का सामान्य अवकाश रहेगा। ये वे छुट्टियां होंगी, जब सभी सरकारी दफ्तर पूरी तरह बंद रहेंगे। इसके अलावा 15 दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। सार्वजनिक अवकाश वे होते हैं, जिन्हें सभी विभागों और कार्यालयों में समान रूप से लागू किया जाता है। इसके अतिरिक्त कर्मचारियों को 17 दिनों का ऐच्छिक या प्रतिबंधित अवकाश दिया जाएगा। यह अवकाश कर्मचारियों की व्यक्तिगत या धार्मिक आवश्यकता के अनुसार चुना जा सकता है। साथ ही एक दिन वार्षिक लेखाबंदी के लिए निर्धारित किया गया है, जब सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। इस तरह कुल मिलाकर 44 छुट्टियों की व्यवस्था की गई है। बिहार में छुट्टियों को लेकर कई बार विवाद सामने आते रहे हैं। खासकर हिंदू और मुस्लिम समुदाय की छुट्टियों के चयन और संख्या को लेकर असहमति प्रकट होती रही है। कभी किसी त्योहार की छुट्टी हटाने पर आपत्ति दर्ज होती है तो कभी किसी नए त्योहार की छुट्टी शामिल करने की मांग उठती है। ऐसे में सरकार ने 2026 के लिए छुट्टियों की घोषणा करते समय संतुलन बनाने की कोशिश की है। यह कदम न केवल कर्मचारियों की सुविधा को देखते हुए उठाया गया है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। चुनावी साल में इस तरह का निर्णय राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। सरकार चाहती है कि सभी वर्गों के लोग खुद को सम्मानित और शामिल महसूस करें। छुट्टियों का संतुलित बंटवारा यही संदेश देता है कि किसी समुदाय की अनदेखी नहीं की गई है। इससे सरकारी कर्मियों की कार्यक्षमता पर भी सकारात्मक असर पड़ सकता है, क्योंकि संतुलित अवकाश व्यवस्था उन्हें मानसिक राहत प्रदान करेगी। अंततः यह कहा जा सकता है कि बिहार सरकार का यह निर्णय प्रशासनिक दृष्टि से आवश्यक और सामाजिक दृष्टि से उपयोगी है। छुट्टियां केवल आराम का साधन नहीं होतीं, बल्कि वे सांस्कृतिक पहचान और सामुदायिक एकजुटता का भी प्रतीक होती हैं। 2026 की छुट्टियों की सूची जारी करके सरकार ने समय रहते विवादों को शांत करने और सभी को संतुष्ट करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।

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