पटना में बालू माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई, बालू लदे 28 ट्रैक्टर जब्त, 32 लाख कटा फाइन
पटना। राजधानी पटना में बालू माफियाओं के खिलाफ जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़ी कार्रवाई की है, जिसने न केवल अवैध खनन के नेटवर्क को झटका दिया है, बल्कि सरकारी स्तर पर चल रही सख्ती का स्पष्ट संदेश भी दिया है। सोमवार रात एक बजे से शुरू हुई इस कार्रवाई में कुल 28 ट्रैक्टरों को जब्त किया गया, जो बालू से लदे हुए थे। इन्हें दीघा थाना क्षेत्र में उस स्थान से पकड़ा गया जहां रोड किनारे अस्थाई रूप से बालू मंडी बनाकर अवैध तरीके से बालू की बिक्री की जा रही थी। जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इन सभी वाहनों पर कुल 32 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया है।
अवैध खनन से लाई गई बालू की हो रही बिक्री
यह अभियान जिलाधिकारी त्यागराजन के विशेष आदेश पर संचालित किया गया। कई दिनों से प्रशासन को यह इनपुट मिल रहा था कि पाटलिपुत्र रेल परिसर के पास अवैध खनन से लाई गई बालू की बिक्री की जा रही है। इस पर गंभीरता दिखाते हुए डीएम ने एक विशेष टीम का गठन किया, जिसमें सदर एसडीएम, एसडीपीओ लॉ एंड ऑर्डर 2, जिला खनन पदाधिकारी, सभी खान निरीक्षक और दीघा थानेदार शामिल थे। इस टीम ने देर रात संयुक्त छापेमारी की, ताकि किसी भी तरह के प्रतिरोध या भागने की कोशिश को रोका जा सके।
अवैध बालू मंडी का खुलासा
छापेमारी के दौरान प्रशासनिक टीम ने पाया कि पाटलिपुत्र रेल परिसर के पास सड़क किनारे अवैध बालू मंडी संचालित की जा रही थी। यह मंडी न केवल कानून का उल्लंघन कर रही थी, बल्कि सरकारी राजस्व को भी भारी नुकसान पहुंचा रही थी। जांच के दौरान वहां खड़े सभी 28 ट्रैक्टर बालू से लदे मिले। प्रशासन ने तुरंत सभी वाहनों को ट्रॉली सहित जब्त कर लिया और गाड़ी मालिकों के खिलाफ दीघा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई।
जुर्माना और कानूनी कार्रवाई
जिला प्रशासन ने बताया कि इन सभी ट्रैक्टर मालिकों पर बिहार खनिज (रियायत, अवैध खनन निवारण, परिवहन और भंडारण) नियमावली, 2019 या संशोधित 2024 के तहत 32 लाख रुपये का सामूहिक जुर्माना लगाया गया है। यह नियमावली राज्य में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और अवैध खनन को रोकने के लिए बनाई गई है। इसके अलावा प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अवैध खनन में संलिप्त पाए गए लोगों के खिलाफ अपराध नियंत्रण अधिनियम (सीसीए) 2023 के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। यह अधिनियम संगठित अपराध और गंभीर अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए लागू किया गया है, जिसके तहत कठोर दंड का प्रावधान है।
डीएम का निर्देश, समय-समय पर चलाए विशेष अभियान
जिलाधिकारी त्यागराजन ने कहा कि जिले में अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार अवैध खनन पर सख्ती से रोक लगाई जाए। इसके लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि जहां-जहां अवैध गतिविधियों की आशंका हो, वहां नियमित रूप से सघन छापेमारी की जाए और समय-समय पर विशेष अभियान भी चलाए जाएं।
तकनीक का उपयोग
डीएम ने एक महत्वपूर्ण निर्देश यह भी दिया कि अवैध माइनिंग पर प्रभावी रोक लगाने के लिए तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को ड्रोन और हाईटेक बोट का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया, ताकि उन स्थानों पर भी नजर रखी जा सके जहां पारंपरिक तरीकों से पहुंचना कठिन होता है। इससे अवैध उत्खनन करने वालों की पहचान करना आसान होगा, साथ ही मौके पर ही प्रमाण जुटाकर तुरंत कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
भविष्य की कार्यवाही और प्रशासनिक दृढ़ता
जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि जिले में अवैध खनन, परिवहन और भंडारण से संबंधित हर इनपुट को गंभीरता से लिया जाएगा। यदि किसी क्षेत्र से जानकारी मिलती है कि वहां अवैध गतिविधि हो रही है, तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने जनता से भी अपील की है कि यदि उन्हें ऐसी किसी गतिविधि की जानकारी मिले तो वे इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को दें। यह पूरी कार्रवाई यह दर्शाती है कि पटना जिला प्रशासन अवैध खनन और उससे जुड़े माफिया नेटवर्क को समाप्त करने के लिए पूरी तरह गंभीर है। बालू माफियाओं के खिलाफ की गई इस रातभर की छापेमारी न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत करती है बल्कि राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति दिखाई जा रही प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करती है।


