बिहार के 76 नए रूट पर 166 नई बसों का शुरू होगा परिचालन, पटना में चलेगी 25 नई बसें

पटना। बिहार सरकार चुनाव से पहले प्रदेशवासियों को एक बड़ी सौगात देने जा रही है। राज्य में परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ और सुलभ बनाने के उद्देश्य से 76 नए रूटों पर 166 नई बसों का परिचालन जल्द ही शुरू किया जाएगा। इस कदम से न केवल यात्री सुविधा में सुधार होगा, बल्कि राज्य के दूरदराज के इलाकों की राजधानी और अन्य शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित होगी।
राजधानी पटना से विशेष जोर
नई बस सेवा में राजधानी पटना को विशेष प्राथमिकता दी गई है। पटना से 25 अलग-अलग रूटों पर इन बसों का संचालन किया जाएगा, जिससे राजधानी से जुड़े अन्य जिलों और प्रमुख शहरों तक लोगों की पहुंच आसान होगी। पटना से हावड़ा, रक्सौल, रांची, दरभंगा, नवादा, गोपालगंज, राजगीर, गुमला और वाल्मीकिनगर जैसे महत्वपूर्ण स्थानों के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।
विभिन्न प्रमंडलों में होगी बसों की तैनाती
परिवहन निगम ने प्रदेश के अलग-अलग प्रमंडलों में बसों की तैनाती की योजना बनाई है। मुजफ्फरपुर प्रमंडल के अंतर्गत बसें मुजफ्फरपुर, नरकटियागंज, सीवान, छपरा, कटैया, दरभंगा और अरेराज जैसे क्षेत्रों में चलाई जाएंगी। वहीं दरभंगा प्रमंडल के तहत वीरपुर, लौकहा, जयनगर, हरलाखी और कुशेश्वर स्थान जैसे इलाकों से पटना तक की यात्रा को सुविधाजनक बनाया जाएगा।
आधुनिक सुविधाओं से युक्त नई बसें
परिवहन निगम के अनुसार, सभी 166 नई बसें फुलवारीशरीफ बस डिपो में आ चुकी हैं। ये बसें टाटा मोटर्स द्वारा निर्मित हैं और इनमें 40 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। टू बाई टू बैठने वाली इन नॉन एसी बसों में यात्रियों को आरामदायक सफर का अनुभव मिलेगा।
परिचालन के लिए सारी तैयारियां पूरी
बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के प्रशासक अतुल कुमार वर्मा ने बताया कि बसों के परिचालन से पहले की सभी औपचारिकताएं लगभग पूरी कर ली गई हैं। परमिट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जल्द ही सभी रूटों पर बसों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इन बसों को इस तरह तैनात किया गया है कि हर जिले के मुख्यालय को बेहतर बस सेवा से जोड़ा जा सके।
यात्रियों को मिलेगा लाभ
इस योजना से प्रदेशभर के यात्रियों को काफी लाभ मिलेगा। खासकर उन लोगों को जो रोजाना काम, पढ़ाई या चिकित्सा जैसी जरूरतों के लिए लंबी दूरी तय करते हैं। नई बसों के जरिए न केवल यातायात का दबाव कम होगा, बल्कि समय और पैसे दोनों की बचत भी सुनिश्चित होगी। इस तरह बिहार सरकार का यह कदम राज्य के परिवहन ढांचे को मजबूत करने और आम जनता को बेहतर सुविधाएं देने की दिशा में एक सराहनीय पहल मानी जा रही है।