बिहार के सभी 149 औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्रों को टाटा टेक्नोलॉजी बनाएगी सेंटर आफ एक्सिलेंस
* सीएम नीतीश बोले- जिन आईटीआई भवनों का निर्माण पूर्ण नहीं हुआ है, उन्हें जल्द पूर्ण कर संस्थान को करें शिफ्ट
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में श्रम संसाधन विभाग ने प्रस्तुतिकरण दिया, जिसमें राज्य के सभी 149 आईटीआई में सेंटर आफ एक्सिलेंस स्थापित करने हेतु विस्तृत जानकारी दी गई। श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव मिहिर कुमार सिंह, टाटा टेक्नोलॉजी के उपाध्यक्ष सुशील कुमार एवं ग्लोबल एजुकेशन निदेशक पुष्करराज कॉलगुड ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि बिहार के सभी 149 आईटीआई में सेंटर आफ एक्सिलेंस बनाया जायेगा, इसके प्रथम चरण में 60 आईटीआई को चयनित किया गया है। सेंटर आफ एक्सिलेंस बनाये जाने के साथ ही एडवांस टेक्नोलॉजी में मशीन लर्निंग, इंटरनेट आफ थिंग्स, ग्राफिक डिजाईन, रोबोटिक मेंटेनेन्स, इलेक्ट्रिकल इत्यादि की तकनीकों में मशीनें लगाकर इंडस्ट्री के सहयोग से राज्य के आईटीआई को और उन्नत बनाया जायेगा।
बैठक में सीएम नीतीश ने निर्देश देते हुए कहा कि सभी आईटीआई संस्थानों में आनलाइन ट्रेनिंग के साथ-साथ फिजिकल ट्रेनिंग भी कराएं। जिन आईटीआई भवनों का निर्माण अभी पूर्ण नहीं हुआ है उन्हें जल्द पूर्ण करें और उनमें संस्थान को शिफ्ट करें। जरुरत के मुताबिक ट्रेनरों की संख्या भी बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि नई टेक्नोलॉजी सीखने से छात्रों को बेहतर रोजगार मिल सकेगा, साथ ही उद्योग क्षेत्र का भी विकास होगा।
वहीं श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार ने बैठक में बताया कि सरकार इंडस्ट्री 4.0 के तहत प्रथम चरण में राज्य के 60 आईटीआई को उन्नत बनाने का कार्य मार्च 2022 तक पूरा कर लेगी।
बैठक में श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव मिहिर कुमार सिंह ने बताया कि बिहार के आईटीआई को उद्योगों के बदलते परिवेश को देखते हुए नई तकनीकों से लैस किया जायेगा, ताकि बिहार के युवा तकनीकी प्रशिक्षण के बाद सीधे उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। योजना के तहत प्रथम चरण में 60 आईटीआई पर कुल 2,188 करोड़ रुपए की राशि व्यय की जाएगी। जिसमें से 88 प्रतिशत राशि टाटा टेक्नोलॉजी के द्वारा जबकि बिहार सरकार द्वारा शेष 12 प्रतिशत राशि व्यय की जायेगी। प्रत्येक आईटीआई में 1000 स्क्वायर फिट जगह भी उपलब्ध करायी जायेगी। प्रत्येक आईटीआई में 36.48 करोड़ रुपए के औसतन व्यय से उन्हें सेंटर आफ एक्सिलेंस बनाया जाएगा। इसे हब एंड स्पोक मॉडल के आधार पर स्थापित किया जाएगा और इन सात क्षेत्रों इलेक्ट्रिक वाहन प्रशिक्षण, आईओटी और डिजिटल इंस्ट्रूमेंटेशन, मशीनिंग और विनिर्माण एडवाइजर, आर्क वेल्डिंग के साथ औद्योगिक रोबोटिक्स, आईटी और डिजाइन, सभी प्रकार की मरम्मत और रखरखाव और आधुनिक प्लम्बिंग में कार्य किया जायेगा।
बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, टाटा टेक्नोलॉजी के उपाध्यक्ष सुशील कुमार, ग्लोबल निदेशक, एजुकेशन पुष्करराज कॉलगुड सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।