October 29, 2025

पटना में 12 वर्षीय मासूम का शव मिलने से हड़कंप, रेप के बाद हत्या की आशंका, जांच में जुटी पुलिस

पटना। जिले में गुरुवार को एक दर्दनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। मनेर थाना क्षेत्र के महिनावा गांव में 12 वर्षीय बच्ची का शव संदिग्ध परिस्थितियों में बगीचे से बरामद हुआ। शव मिलने की खबर के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और गांव के लोग बड़ी संख्या में मौके पर इकट्ठा हो गए। पीड़िता की पहचान गांव निवासी अमर राय की पुत्री शिवानी कुमारी के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि शिवानी रोज़ की तरह जलावन हेतु लकड़ी लाने बगीचे की ओर गई थी, लेकिन फिर वह वापस घर नहीं लौटी। बाद में गांववालों को उसका शव पेड़ की डाल से लटका हुआ मिला। परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि बच्ची को दरिंदों ने पहले हवस का शिकार बनाया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी। यहां तक कि सामूहिक दुष्कर्म की भी आशंका व्यक्त की जा रही है। गांववालों का कहना है कि इस वारदात को अंजाम संभवतः नशेड़ियों ने दिया है, जो अक्सर इलाके में सक्रिय रहते हैं। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई और मां के गुज़रने के कुछ ही दिनों बाद बेटी की इस निर्मम हत्या ने परिवार को पूरी तरह तोड़कर रख दिया है। शिवानी के पिता इस समय हैदराबाद में मजदूरी कर रहे हैं और डेढ़ महीने से वहीं पर थे। ऐसे में पहले पत्नी और अब अबोध बेटी की मौत ने इस गरीब परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी त्वरित कार्रवाई में जुट गई। पश्चिमी सिटी एसपी भानु प्रताप सिंह खुद मौके पर पहुंचे और परिजनों व ग्रामीणों से बातचीत की। पुलिस ने घटनास्थल को घेरते हुए सबूत जुटाने की प्रक्रिया शुरू की है। मौके पर डॉग स्क्वायड की टीम भी बुलाई गई, जो संभावित सुराग तलाश रही है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच हर पहलू से की जा रही है। फ़िलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह घटनाक्रम आत्महत्या, बलात्कार या हत्या का मामला है, लेकिन परिजनों की शिकायत और परिस्थितियों को देखते हुए दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका मज़बूत दिखाई दे रही है। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जो भी तथ्य जांच में सामने आएंगे, उसके आधार पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जिससे स्थिति और स्पष्ट होगी। वहीं, बच्ची की दर्दनाक मौत को लेकर पूरे इलाके में गुस्से का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं समाज की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती हैं। यह घटना न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए गहरे सदमे और शर्मिंदगी का कारण है। एक मासूम बच्ची के साथ ऐसी दरिंदगी और फिर उसकी जान लेना इस बात का प्रमाण है कि अपराधी मानसिकता किस कदर मानवता को शर्मसार कर रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस अपनी जांच कितनी तेजी और पारदर्शिता से आगे बढ़ाती है और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने में कितनी सफल होती है। कुल मिलाकर, महिनावा गांव की यह घटना इंसानियत को दहला देने वाली है और एक बार फिर से समाज और प्रशासन दोनों के सामने बड़ा सवाल खड़ा करती है—आखिर क्यों हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं?

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