बिहार में 10 आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर, अधिसूचना जारी, संजीव हंस को भी मिली पोस्टिंग
पटना। बिहार सरकार ने मंगलवार को प्रशासनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल करते हुए 10 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस तबादले को प्रशासनिक दृष्टि से काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें कई वरिष्ठ अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां दी गई हैं। साथ ही लंबे समय से चर्चा में रहे आईएएस अधिकारी संजीव हंस को भी नई पोस्टिंग दी गई है, जिसे लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।
संजीव हंस को मिली नई जिम्मेदारी
1997 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस को राजस्व एवं पर्षद विभाग का अपर सदस्य बनाया गया है। संजीव हंस का नाम इससे पहले गैंगरेप के एक मामले और मनी लॉन्ड्रिंग केस को लेकर सुर्खियों में रहा था। हालांकि पटना हाईकोर्ट ने उन्हें गैंगरेप केस में बरी कर दिया था, लेकिन आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की जांच अभी भी जारी है। इसके बावजूद सरकार की ओर से उन्हें एक अहम विभाग में जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसे प्रशासनिक निर्णय के तौर पर देखा जा रहा है।
वरिष्ठ अधिकारियों की नई तैनाती
जारी अधिसूचना के अनुसार, बिहार की सीनियर मोस्ट आईएएस अधिकारी विजयलक्ष्मी एन का तबादला किया गया है। 1995 बैच की आईएएस अधिकारी विजयलक्ष्मी एन को योजना एवं विकास विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। वे फिलहाल पशुपालन विभाग की अपर मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत थीं। इसके साथ ही उन्हें बिहार आपदा पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण सोसाइटी का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। विजयलक्ष्मी एन, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. एस सिद्धार्थ की पत्नी हैं, जो वर्तमान में मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत हैं।
विभागीय सचिवों में बदलाव
इस प्रशासनिक फेरबदल में कई विभागों के प्रधान सचिव भी बदले गए हैं। 2011 बैच के आईएएस अधिकारी के. सेंथिल कुमार को गन्ना उद्योग विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है। इससे पहले वे योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव के रूप में कार्यरत थे। वहीं 1997 बैच के आईएएस अधिकारी पंकज कुमार को ग्रामीण विकास विभाग का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। वे अब तक कृषि विभाग के प्रधान सचिव के पद पर तैनात थे। इन बदलावों को सरकार की विकास योजनाओं को और गति देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
चार प्रमंडलीय आयुक्तों का तबादला
तबादला सूची में चार प्रमंडलीय आयुक्तों के नाम भी शामिल हैं। 2000 बैच के आईएएस अधिकारी प्रेम सिंह मीणा, जो अब तक राजस्व एवं पर्षद विभाग में अपर सदस्य के रूप में कार्यरत थे, उन्हें मुंगेर प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है। 2005 बैच के अधिकारी मनीष कुमार, जो पशुपालन विभाग के सचिव थे, को सारण प्रमंडल का आयुक्त नियुक्त किया गया है। इसी तरह 2008 बैच के आईएएस अधिकारी गिरिवर दयाल सिंह, जो राजस्व पर्षद के सचिव थे, उन्हें तिरहुत प्रमंडल (मुजफ्फरपुर) का आयुक्त बनाया गया है। वहीं 2010 बैच के अधिकारी अवनीश कुमार सिंह को मुंगेर प्रमंडल से हटाकर भागलपुर प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है। इन तबादलों से प्रशासनिक संतुलन और क्षेत्रीय समन्वय को मजबूत करने की कोशिश मानी जा रही है।
चार आईएएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार
सरकार ने चार आईएएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा है। नगर विकास एवं आवास विभाग में तैनात आईएएस अधिकारी संदीप कुमार आर पुडकलकट्टी को अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम लिमिटेड का प्रबंध निदेशक बनाया गया है। उनके पास पहले से ही बिहार मेट्रो रेल निगम लिमिटेड, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग और महादलित विकास मिशन का अतिरिक्त प्रभार है। इसके अलावा साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार को खेल सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वे 2011 बैच के अधिकारी हैं। स्वास्थ्य विभाग में अपर सचिव के पद पर तैनात 2014 बैच के आईएएस अधिकारी अमित कुमार पांडेय को बिहार चिकित्सा एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं 2017 बैच के आईएएस अधिकारी और राज्य परिवहन आयुक्त आरिफ अहसन को खेल निदेशक की जिम्मेदारी दी गई है।
संजीव हंस से जुड़े पुराने मामले
आईएएस संजीव हंस का नाम गैंगरेप केस के अलावा आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी सामने आया था। जांच के दौरान पटना पुलिस को उनके खिलाफ ब्लैक मनी से जुड़े कई अहम सबूत मिले थे। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने संजीव हंस और उनके करीबी गुलाब यादव के ठिकानों पर कई शहरों में छापेमारी की थी। इन छापों में ऐसे दस्तावेज मिले थे, जिनमें कथित तौर पर अन्य आईएएस अधिकारियों से लेन-देन के संकेत भी बताए गए थे। इन मामलों की जांच अभी भी अलग-अलग एजेंसियों द्वारा की जा रही है।
प्रशासनिक संतुलन साधने की कोशिश
यह तबादला सरकार की ओर से प्रशासनिक संतुलन साधने और विभिन्न विभागों में नई ऊर्जा लाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। नए साल से पहले किए गए इस बड़े फेरबदल से यह संकेत भी मिलता है कि सरकार आगामी योजनाओं और विकास कार्यों को लेकर प्रशासनिक मशीनरी को और मजबूत करना चाहती है। अब देखना यह होगा कि इन नए दायित्वों के साथ अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में किस तरह काम करते हैं और इसका असर राज्य के प्रशासन पर कितना सकारात्मक पड़ता है।


