स्पेशल ट्रेन की प्रतीक्षा में फंसे हुए हैं आज भी हजारों परिवार, रेल मंत्री को लिखा पत्र

भागलपुर (गौतम सुमन गर्जना)। वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लगे लॉक डॉउन में फंसे प्रवासियों को श्रमिक स्पेशल ट्रेन के द्वारा बिहार लाया जा रहा है। वहीं भागलपुर के फंसे हजारों परिवार के लिए स्पेशल ट्रेन नहीं चलने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। अब सभी लोग भागलपुर से स्पेशल ट्रेन चलने-चलाने की बाट जोह रहे हैं। इस बाबत चेंबर आॅफ कॉमर्स, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, अंग उत्थान आंदोलन समिति आदि की ओर से इसके लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र प्रेषित की गई है।
दरअसल, भागलपुर के हजारों परिवार बेंगलुरु, दिल्ली, कोलकाता, रांची, मुंबई और अन्य शहरों में रोजगार करते हैं। होली में कई परिवार अपनों के पास गए थे। किसी ने 23 से तो किसी ने मार्च में ही आगे की तारीख का आरक्षण भी भागलपुर वापसी के लिए संबंधित ट्रेनों में करा रखा था। इस बीच 23 मार्च से लॉकडाउन शुरू होने के बाद ट्रेन परिचालन बंद हो गया और वापस आने में पूरी तरह असमर्थ हो गए। अब जब रेलवे एक जून से देश के कई महानगरों से स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की तो सभी खुश हुए। लेकिन, सूची में भागलपुर से एक भी ट्रेन नहीं मिलने से मायूस हो गए। शहर के व्यवसायी दीपक नारायण गुप्ता, गोपाल प्रसाद साह और मनोज केसरी सहित कई ने रेल मंत्री से महानगरों से भागलपुर के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग की।
केस स्टडी 1 – मोहद्दीनगर निवासी राकेश रंजन केसरी का परिवार सात मार्च को दिल्ली अपनी बेटे के पास गए थे। इनकी वापसी की टिकट 25 मार्च को विक्रमशिला एक्सप्रेस में थी। लॉकडाउन में ट्रेन परिचालन बंद होने के बाद परिवार फंस गया। आने के लिए कोई रास्ता नहीं दिख रहा है।
केस स्टडी 2 – मुंदीचक निवासी प्रवीण कुमार का परिवार मुंबई में फरवरी से फंसे हुए हैं। परिवार के सदस्य इलाज कराने के लिए गए थे। इलाज के बाद सभी स्वस्थ्य हो गए। वापसी की टिकट 28 मार्च को थी। लेकिन, ट्रेन बंद होने के बाद भागलपुर नहीं पहुंचे सके।
केस स्टडी 3 – मोहद्दीनगर के आलोक गुप्ता भी तीन महीनों से परिवार के साथ बेंगलुरु में फंसे हैं। पूरा परिवार घूमने के लिए रिश्तेदार के पास गए थे। 27 मार्च को वापसी की टिकटें थी,लेकिन, लॉकडाउन में वे बूरी तरह फंस गए हैं।

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