सुशील मोदी ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण: बिहार में प्रति व्यक्ति आय 5 हजार तक बढ़ी
पटना। सोमवार को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सदन में 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इसके अनुसार बिहार में गत दशक के दौरान लगातार सामाजिक और आर्थिक विकास हुआ है। पिछले तीन वर्षों में देश की अपेक्षा बिहार की अर्थव्यवस्था ने तेज रफ्तार पकड़ी है। जिससे बिहार में प्रति व्यक्ति आय वर्तमान मूल्य पर 42242 हजार रुपये से बढ़कर 47641 रुपये हो गई है। जबकि, स्थिर मूल्य पर यह 33,629 रुपये के करीब है। यानी वर्तमान बाजार मूल्य के हिसाब से प्रति व्यक्ति आय में करीब 5399 रुपये की वृद्धि हुई है।
सदन में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने के बाद सुशील मोदी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 2005 में प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनने के बाद कुछ नई परिपाटी शुरू की गई थी, आर्थिक सर्वेक्षण उन्हीं में से एक है। उन्होंने बताया कि इस बार आर्थिक सर्वेक्षण में दो नए अध्याय जोड़े गए हैं। पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन और ई-शासन। मोदी ने कहा कि 2018-19 में बिहार की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर स्थिर मूल्य पर 10.53 प्रतिशत और वर्तमान मूल्य पर 15.01 प्रतिशत थी। बिहार ने सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया है। 2018-19 में अर्थव्यवस्था के मुख्य वाहकों की वृद्धि दरें दो अंकों में रही, जिस वजह से राज्य की समग्र अर्थव्यवस्था के वास्तविक विकास में उनका बड़ा योगदान रहा। मोदी ने कहा कि 2018-19 में वर्तमान मूल्य पर बिहार का सकल घरेलू उत्पाद 5,57490 करोड़ और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 3,94350 करोड़ व सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 5,13881 करोड़ और स्थिर मूल्य पर 3,59030 करोड़ रुपये थे। नतीजा 2018-19 में प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 47641 रुपये और स्थिर मूल्य पर 33,629 रुपये रहा। वहीं पिछले वर्षों की अपेक्षा बिहार में 2018-19 में राजस्व प्राप्ति में 12.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि, राजस्व व्यय 21.7 फीसद बढ़ गया है। 2018-19 में बिहार में कुल राजस्व प्राप्ति 1,31793 करोड़ रुपये और पूंजीगत प्राप्ति 20494 करोड़ रुपये थी।
अंडा-मछली उत्पादन भी बढ़ा
राज्य में अंडा और मछली उत्पादन में बड़ा उछाल आया है। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक 2016-17 में 111.17 करोड़ अंडों का उत्पादन हुआ जो 2018-19 में बढ़कर 176.34 करोड़ तक जा पहुंचा। मछली का उत्पादन भी बढ़ा है। 2013-14 में 4.79 लाख टन मछली का उत्पादन हुआ जो 2018-19 में बढ़कर 6.02 लाख टन तक पहुंच गया। वहीं कृषि, वानिकी एवं मत्स्यखेट 44.6 प्रतिशत, निर्माण 17.1 प्रतिशत, थोक एवं खुदरा व्यापार, वाहनों की मरम्मत 12.3 प्रतिशत, निर्माण कार्य ने 9.3 प्रतिशत कामकाजी लोगों को रोजगार दिए। जबकि, महिला श्रमिकों को मुख्य रूप से कृषि, वानिकी एवं मत्स्यखेट में 53.6 और शिक्षा में 25.7 प्रतिशत रोजगार मिले।


