बिहार विधान परिषद में उपनेता बने JDU के देवेश और BJP के नवल किशोर, सड़क दुर्घटना में आयी 7.1% की कमी

पटना। बिहार विधानमंडल के बजट सत्र का गुरूवार को 19वां दिन था। विधान परिषद में संजय कुमार सिंह सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक बनाए गए। देवेश चंद्र ठाकुर और नवल किशोर यादव को सत्तारूढ़ दल का उप नेता बनाया गया, जबकि दिलीप कुमार जायसवाल को उप मुख्य सचेतक मनोनीत किया गया। मुख्य सचेतक को मंत्री और उप मुख्य सचेतक को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है।
पशु एवं मत्स्य विवाद से जुड़ा सवाल उठा
विधान परिषद् में सुनील कुमार सिंह ने पशु एवं मत्स्य विवाद से जुड़ा सवाल उठाया। कहा कि तत्कालीन मंत्री ने 2019 में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति पर लगाए अराजकता और भ्रष्टाचार के आरोप की जांच के लिए निदेशक पशुपालन को प्राधिकृत किया था और एक सप्ताह में जांच प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक जांच प्रक्रिया लंबित है। इस मामले में कुलपति द्वारा बिना सरकार की पूर्व अनुमति के लगभग 14 करोड़ का अंडर ग्राउंड केबुल का कार्य और एनाटॉमी विभाग में 86 लाख रुपये की मशीन खरीदारी वित्तीय नियमों का पालन न करते हुए की गई है। कुलपति द्वारा पूर्व कुलसचिव डॉ. पीके कपूर और संजय गांधी गव्य संस्थान के अधिष्ठाता डॉ. बीएस बेनीवाल की नियुक्ति गलत तरीके से की गई है।
डॉ. बीएन बेनीवाल पर लगाया महिलाओं से घंटों बात करने का आरोप
वहीं सुनील कुमार सिंह ने कहा कि डॉ. बेनीवाल पर पूर्व के कार्य स्थलों में चरित्र हनन और भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं। कुलपति द्वारा हंसराज को कुलपति के आईटी सलाहकार के रूप में चार बार अवधि विस्तार देकर सरकारी पद और पैसे का दुरुपयोग किया गया है। सुनील कुमार सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि डॉ. बीएन बेनीवाल महिलाओं से घंटों बात करते हैं। प्रश्न के जवाब में मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि कानूनी सलाह प्राप्त की जा रही है। महाधिवक्ता ने परामर्श दिया है कि आरोप की जांच कुलाधिपति से कराई जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि एक सप्ताह के अंदर जांच कराकर उसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। इस मामले में विधान परिषद सभापति अवधेश नारायण सिंह ने निर्देश दिया कि जांच कराकर 23 तारीख को सदन में मंत्री इसका उत्तर दें। जिनके नाम गड़बड़ी करने में सामने आ रहे हैं उन लोगों पर एफआइआर भी करें।
2020 में सड़क दुर्घटना में आयी 7.1 फीसदी की कमी
राजद एमएलसी रामचंद्र पूर्वे ने पूछा कि राज्य में हर घंटे में एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना से हो रही है। 57% लोगों की मौत एनएच पर होती है और इस मौत के कारण सड़क का जाम होना और वाहनों को जलाया जाना आम बात हो गई है। दुर्घटना रोकने के लिए सरकार क्या उपाय करना चाहती है? परिवहन मंत्री शीला मंडल ने जवाब में कहा कि सड़क दुर्घटना में 2020 में 7.1 फीसदी की कमी आई है। सरकार ने 23.72 करोड़ रुपए स्पीडी रडार व अन्य उपकरणों के लिए पुलिस को दिया है। 46 ट्रॉमा सेंटर अधिसूचित किए गए हैं। नवल किशोर यादव, संजीव श्याम सिंह और रजनीश कुमार ने पूरक सवाल किया और कहा कि एनएच पर कई कई दिनों तक बड़ी गाड़ियों की पार्किंग की वजह से जाम की स्थिति हो जाती है। उसके समाधान के लिए सरकार क्या कदम उठा रही हैं? संजीव श्याम सिंह ने कहा कि जाम के कारण बिहटा से कोईलवर तक जाना बहुत मुश्किल है। जाम से निजात दिलाने का कोई सकारात्मक उत्तर मंत्री सदन में नहीं दे पाईं। कहा कि इसे दिखवा लेते हैं।
15-20 महादलित मजदूरों की जहरीली शराब से मौत का मामला
विधान परिषद् में नवल किशोर यादव ने सवाल किया कि गया जिला के रामपुर में 2012 में 15-20 महादलित मजदूरों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी। इस मामले के 9 साल हो चुके हैं, लेकिन दो की ही गवाही हुई है। गवाहों को खरीदने की कोशिश हो रही है। सरकार फास्ट ट्रैक से कार्रवाई करवाए। जवाब में मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि इस मामले में 6 की गवाही हो चुकी है और 10 अभियुक्तों पर चार्जशीट दाखिल की गई है। दो गवाहों को सम्मन किया गया है और सुनवाई चल रही है। उन्होंने कहा कि मृत परिजनों को कुल अनुमान मुआवजा का 31 लाख 87000 का भुगतान हो चुका है। शेष 25 फीसदी राशि का भुगतान दोष सिद्ध होने पर दिया जाना है।

About Post Author

You may have missed