December 5, 2025

लॉक डाउन में बिहार के छोटे पशुपालकों की स्थिति दयनीय, आर्थिक सहायता प्रदान करे सरकार

पटना/फुलवारी शरीफ। कोरोना को लेकर हुए लॉक डाउन की वजह से फुलवारी शरीफ, दानापुर, खगौल, नौबतपुर, बाढ़, मसौढ़ी आदि इलाकों में छोटे पशुपालकों की स्थिति दयनीय हो गई है। पशुओं के दूध बेचकर ये लोग अपने परिवार और पशुओं के लिए खाना, पानी और अन्य मुलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति किया करते थे, लेकिन लॉक डाउन के कारण चाय, मिठाई और पनीर के व्यवसाय बंद होने से इन छोटे पशुपालकों का दूध अब बाजार तक नहीं पहुंच रहा है। इस कारण इन लोगों के आगे पशुओं के लिए चारा और इलाज के पैसों का इंतजाम करना भी मुश्किल का सबब बन गया है। इस बाबत गरीब पशुपालकों के दयनीय स्थिति पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए भाजपा नेता भाई सनोज यादव ने कृषि और पशुपालन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार से पटना सहित राज्य के छोटे तबके के पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की है।


इस बात को लेकर भाई सनोज यादव ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण के दौरान बड़ी संख्या में छोटे पशुपालकों की स्थिति बद से बत्तर हो चुकी है। पशुपालकों का जीवन निर्वाह दूध बेचकर पहले ही बड़ी मुश्किल से होता था। ऊपर से इस महंगाई के दौर में पशुओं के चारा, पानी और दवाओं का खर्च अलग है। बड़े पशुपालक तो पहले की तरह ही डेयरी में दूध भेज रहे हैं, जिससे उन्हें इस लॉक डाउन में कोई खास फर्क नहीं पड़ा है। लेकिन छोटे पशुपालकों से दूध एकत्र कर मखनिया समुदाय चाय व मिठाई दुकान के साथ घरों में दूध और पनीर की सप्लाई दिया करते थे। जो व्यवसाय इस लॉक डाउन में पूरी तरह से चौपट हो गयी है, जिसका खमियाजा छोटे पशुपालक उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में अनुमंडल स्तर पर ऐसे पशुपालकों की पहचान कराके मुआवजे की घोषणा कर पशुपालन मंत्री प्रेम कुमार को ऐतिहासिक निर्णय लेना चाहिए। जिससे इन पशुपालकों का मनोबल बढ़ सके।

You may have missed