राजद में छायी मायूसी, लालू को पैरोल नहीं दे सकी हेमंत सरकार

रांची। राजद में उस वक्त मायूसी छा गई, जब उनके सुप्रीमो को पैरोल पर छोड़े जाने के मसले पर निर्णय नहीं ले सकी। रांची के रिम्स में इलाजरत चारा घोटाला मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद जेल से आजादी दिलाने की कोशिशें सिरे नहीं चढ़ पाईं। सोमवार को झारखंड की हेमंत कैबिनेट की हुई बैठक में लालू को पैरोल पर रिहा करने के मसले पर गहन चर्चा और महाधिवक्ता के परामर्श के बाद फिलहाल सरकार ने अपना फैसला टाल दिया है। नियमों के पेच में फंसी हेमंत सरकार अभी लालू प्रसाद को पैरोल पर छोड़े जाने के मसले पर निर्णय नहीं ले सकी। महाधिवक्ता के परामर्श के बाद सरकार के पास अब कोई आॅप्शन नहीं बचा है।
मिली जानकारी के अनुसार हेमंत कैबिनेट ने लालू प्रसाद को पैरोल पर रिहा करने को लेकर बड़ी देर तक चर्चा की। लालू को बेल पर रिहा करने के मामले में विचार लेने के लिए कैबिनेट की बैठक में महाधिवक्ता को भी बुलाया गया, जिन्होंने सरकार को इस मामले में कानूनी जानकारी दी। इस दौरान कैबिनेट की बैठक में इस मसले पर डिसिजन से ज्यादा डिस्कशन का दौर चला। वहीं बैठक में कोरोना संकट से उबरने के लिए करीब 2 घंटे तक मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्यों ने ताजा हालातों पर गंभीर चर्चा की है।
बता दें कि चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद रांची के रिम्स में अपनी गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे हैं। वे चारा घोटाले के मामले में रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल, होटवार में अपनी सजा काट रहे हैं। इधर कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण लालू बेहद डरे हुए हैं। वे अपने वार्ड के समीप कोरोना वार्ड होने के कारण अतिरिक्त एहतियात बरत रहे हैं। इधर सुप्रीम कोर्ट की 70 साल से ऊपर के कैदियों को रिहा किए जाने के गाइडलाइन के बाद पैराल पर यहां से बाहर निकलना चाहते हैं। लालू की देखरेख कर रहे डॉक्टर उमेश प्रसाद ने बताया कि लालू की उम्र अधिक है, लिहाजा कोरोना संकट को देखते हुए लालू की सेहत पर नजदीकी नजर रखी जा रही है। उनपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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