राजद की समीक्षा बैठक : तेजस्वी ने हार का कारण भितरघात बताया तो सिद्दीकी ने पोलिंग एजेंट को, अब परंपरा में बदलाव की जरूरत

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद हार की समीक्षा के लिए सोमवार को राजद की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में तेजस्वी को पिता लालू यादव से मिले मंत्र आजमाने के आसार थे और वहीं हुआ। तेजस्वी ने कह दिया कि ‘राजद सुप्रीमो लालू जी ने मुझे पूरी छूट दी है कि जो करना है कीजिए।’ राजद की समीक्षा बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि चुनाव में सामने के दुश्मन से नहीं, बल्कि आस्तीन के सांप से हारे। उन्होंने हार का कारण भितरघात बताया। तो वहीं मौके पर राजद के दिग्गज नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने हार का ठीकरा पार्टी के पोलिंग एजेंट पर फोड़ा। तेजस्वी ने बैठक में आए पार्टी नेताओं से स्पष्ट कह दिया- माइंड क्लियर करिए। जिन्हें चुनाव लड़ना है, वे पार्टी पदाधिकारी ना बनें। हमने सबके बारे रिपोर्ट तैयार की है। लालू जी के सामने हमने सभी की रिपोर्ट रख दी है।
आप तैयार रहिए, कभी भी हो सकता है चुनाव
तेजस्वी ने कहा कि यदि आप सोच रहे हैं कि 2020 का चुनाव खत्म हो गया तो आप भूल में हैं। हो सकता है 2021 में चुनाव हो जाये। आप तैयार रहिए, कभी भी चुनाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि अब पार्टी परंपरा में बदलाव की जरूरत है। पुरानी परंपरा से पार्टी का भला नहीं होगा। पिछली बार संगठन में हमने फेरबदल की। संगठन में आरक्षण दिया। समीक्षा के बाद भारी फेरबदल की जरूरत होगी।
भितरघात से किसी को फायदा नहीं हुआ
तेजस्वी ने आगे कहा कि सबको चुनाव लड़ना होता है, यह स्वाभाविक भी है। लेकिन एक सीट पर एक ही उम्मीदवार चुनाव लड़ सकता है। हमने पूरे समीकरण के साथ, फीडबैक लेकर उम्मीदवार उतारे। लेकिन पार्टी जब तय कर देती है तो भितरघात नहीं करना चाहिए। इससे किसी को फायदा नहीं होने वाला है। पूछा कि नुकसान किसको हुआ। यदि सरकार बनती तो विधायक बनाता, मंत्री बनाता, कार्यकर्ता हैं तो 20 सूत्री में जाता, समिति बोर्ड में जाता। इससे पार्टी को नुकसान हुआ है।
लालू की गैरमौजूदगी में इतनी बड़ी जीत
समीक्षा बैठक में तेजस्वी ने कहा कि लालू यादव की गैरमौजूदगी में मजबूती से हमने चुनाव लड़ा। किसी को उम्मीद नहीं थी मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। चाहे जितना भी छल-कपट हुआ हो, हमने बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सामने के दुश्मन से लड़ सकते हैं, लेकिन भितरघात से नहीं लड़ा जा सकता है। हार का ठीकरा एलायंस पर नहीं फोड़ा। स्पष्ट कहा कि हमारे साथ लेफ्ट और कांग्रेस भी थी। कुछ सीटें गठबंधन में इधर-उधर हो जाती हैं। सबकी कोशिश होती है ज्यादा से ज्यादा सीटें जीते। कुछ सीटों पर हम बेहतर कर सकते थे, वहां हमें निराशा हाथ लगी। हम मुद्दों पर चुनाव लड़े, हमें जनता ने अपना समर्थन दिया।
सिद्दीकी ने पोलिंग एजेंट पर फोड़ा हार का ठीकरा
हार की समीक्षा के बीच राजद के दिग्गज नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने हार का ठीकरा पार्टी के पोलिंग एजेंट पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय पार्टी ने सभी उम्मीदवारों को बताया था कि कैसे चुनाव लड़ा जाए और क्या-क्या सावधानी रखनी है। उन्होंने कहा कि हार-जीत का अंतर 10 से 20 हजार बताया जा रहा है। यह अंतर मॉक पोल के नतीजों पर निर्भर था। हमारे पास प्रमाण है कि पार्टी के पोलिंग एजेंट समय पर मतदान केन्द्र नहीं पहुंचे थे, जिस वजह से कई गड़बड़ियां सामने आईं।
लिखित रूप में मांगी सलाह 
बैठक में हारे और जीते दोनों प्रत्याशी आए हुए थे। सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं से लिखित रूप में भी सलाह मांगी गई है। बैठक में 23 दिसम्बर को बड़े पैमाने पर किसान नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती मनाने का भी फैसला हुआ। सभी जिला मुख्यालयों में किसान गोष्ठी का आयोजन करना है।

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