बिहार चुनाव : यहां जान लिजिए चुनावी नामांकन के लिए कब-कब है शुभ मुहूर्त, कितने दिन है

पंडित राकेश झा शास्त्री, ज्योतिषाचार्य


पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही संभावित उम्मीदवारों की गतिविधियां बढ़ गयी है। चुनाव की घोषणा के साथ ही सूबे में आचार संहिता भी लागू हो गई है। उम्मीदवार खासकर नामांकन को लेकर शुभ मुहूर्त की जानकारी लेने के लिए ज्योतिषी, पंडित के चक्कर भी लगा रहे हैं। राज्य में तीन चरणों में होने वाले चुनाव में नामांकन के लिए चुनाव आयोग ने 1 से 20 अक्टूबर तक की तारीख निर्धारित की है।
शुभ मुहूर्त में नामांकन से लहरायेगा विजय पताका
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा शास्त्री ने कहा कि पवित्र मास पुरुषोत्तम मास धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही पवित्र माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस मास में शुभ मुहूर्त में शुभ कार्य करने से उसका फल 10 गुना अधिक मिलता है। बिहार चुनाव के लिए तीनों चरणों को मिलाकर 1 से 20 अक्तूबर तक उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। नामांकन के लिए कुल 20 दिनों में 10 शुभ मुहूर्त है। इस शुभ मुहूर्त में भी अमृत योग तथा सर्वार्थ सिद्धि योग सबसे उत्तम मुहूर्त है। मान्यता है कि इस मुहूर्त में किया गया कोई भी कार्य निष्फल नहीं होता है। इसके अलावे कुछ खास तिथियों पर सिद्धि और विजय के योग बनते दिख रहे हैं। इसीलिए ज्यादातर उम्मीदवार सर्वार्थ सिद्धि व अमृत योग में नामांकन करना चाह रहे हैं। शुभ मुहूर्त में नामांकन पत्र भरने से सुखद परिणाम की प्राप्ति होती है। विजय पताका लहराने की आशंका बढ़ जाती है।
विजय योग में होंगे नामांकन पत्र दाखिल
ज्योतिषी झा के मुताबिक 1, 2, 4 तथा 7 अक्टूबर भावी उम्मीदवारों के नामांकन के लिए विजय योग है। एक अक्टूबर को आश्विन शुक्ल पूर्णिमा है। इस दिन वृद्धि योग के साथ सिद्द्योग, जयद योग तथा उत्तरभाद्र नक्षत्र भी है, इसीलिए यह दिन अत्यंत शुभ है। चार अक्टूबर को आश्विन मास के साथ अश्विनी नक्षत्र तथा शिववास, अग्निवास व सर्वार्थ सिद्धि योग भी विद्यमान है। इस दिन पर्चा दाखिल करना सबसे उत्तम रहेगा। सात अक्टूबर को बसंत की देवी का पंचमी तिथि, भगवान गणेश का बुधवार दिन एवं सर्वसिद्धि प्रदेता सर्वार्थ सिद्धि योग तथा सबसे शुभ रोहिणी नक्षत्र होने से इस दिन विजय योग बन रहा है। 11 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग व अमृत योग का संयोग बन रहा है। इसमें नामांकन दाखिल करने से विजयी होने की संभावना ज्यादा है। 12 अक्टूबर को अमृत योग, 14 अक्टूबर को सिद्धि योग और प्रदोष व्रत, 17 को सर्वार्थ सिद्धि योग, 19 को नवरात्र का तृतीय दिवस, आयुष्मान योग, सर्वार्थ सिद्धि योग,20 अक्टूबर को वैनायकी गणेश व्रत, अनुराधा नक्षत्र, सौभाग्य योग तथा शिववास का शुभ योग बन रहा है। इस शुभ दिनों में भावी प्रत्याशी राहुकाल छोड़कर बेहतर योग के साथ पर्चा दाखिल कर सकते हैं।
दो चरणों के मतदान व परिणाम तुला लग्न में
पंडित झा ने बताया कि प्रथम चरण 28 अक्तूबर को सिद्ध योग तथा मीन राशि में वोट डाले जायेंगे। वहीं द्वितीय चरण के अंतर्गत तीन नवंबर को जयद व सिद्ध योग के साथ रोहिणी नक्षत्र तथा चन्द्रमा के वृष राशि में रहने पर मतदान होगा। चन्द्र के साथ राहु अष्टम भाव में बैठा है, इसीलिए उम्मीदवार एवं उनके सहयोगियों को व्यवस्था बनाने में थोड़ी मानसिक परेशानी हो सकती है। तृतीय चरण का वोट सात नवंबर को रवियोग, पुष्य नक्षत्र के साथ शुभ योग में डाला जायेगा। मतगणना 10 नवंबर को सिंह राशि, दशमी तिथि, पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र, दिन मंगलवार को ऐन्द्र योग में होगी। पहले व दूसरे चरणों में मतदान तथा चुनाव परिणाम तुला लग्न में होंगे। इस लग्न के अधिपति यानि स्वामी शुक्र होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र को सुख, भोग-विलास, उच्चतम पद, प्रतिष्ठा, नई जिम्मेदारी, शासक अर्थात राजसत्ता में आगमन और सुख के कारक ग्रह माना गया है।

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