मृत बिहारी मजदूरों की संख्या व राहत पैकेज की मांग को ले आप का एकदिवसीय धरना

पटना। आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को बिहार की नीतीश सरकार से देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान विभिन्न घटनाओं में मारे गए बिहारी मजदूरों का आधिकारिक आंकड़ा जारी करने तथा उनके आश्रितों के लिए मुआवजा व राहत पैकेज की मांग को ले एक दिनी राज्यस्तरीय सांकेतिक उपवास रखा। राज्य स्तर पर उपवास का कार्यक्रम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह के नेतृत्व में और जिला स्तर पर जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में रखा गया। उक्त जानकारी प्रदेश प्रवक्ता चंद्रभूषण ने दी। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के नियमों का पालन करते हुए सभी पार्टी के पदाधिकारियों और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने स्थानों पर उपवास रखा।
उपवास के दौरान प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पूरे देश से बिहार के मजदूरों का अपने राज्य में रिवर्स माइग्रेशन हो रहा है, इसके चलते कई मजदूरों की मौत सड़क पर, रेल पटरियों पर, वाहनों की भिड़ंत में, भूख और बीमारी से हो रही है। कई ट्रेनें कई दिनों बाद रास्ता भटकते हुए बिहार पहुंच रही है, जिसके कारण कई मजदूरों के बच्चों की ट्रेन में ही भूख-प्यास से मौतें हो रही हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि करीब 15 सालों से बिहार की सत्ता पर काबिज नीतीश कुमार बिहार को उस काबिल नहीं बना पाए कि यहां जनता को अपने राज्य में ही रोजगार मिल पाए।
वहीं प्रदेश महासचिव राकेश यादव ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान मरने वाले मजदूरों में बिहार के मजदूरों की संख्या काफी अधिक है। इसके बावजूद बिहार सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया गया है और न ही मरने वाले मजदूरों के आश्रितों के लिए कोई राहत पैकेज की घोषणा की गई है। इसलिए हमारी मांग है कि बिहार सरकार मरने वाले मजदूरों के आंकड़े तुरंत जारी कर आश्रितों के लिए मुआवजे की घोषणा करे। उपवास कार्यक्रम को मनोज कुमार, श्रीवत्स पुरुषोत्तम, उमा दफ्तुआर, अमर यादव, बबलू प्रकाश, मुन्ना जायसवाल, नेयाज अहमद, हेमनारायण विश्वकर्मा, नीरज कुमार, धर्मेंद्र, अरुण कुमार सहित अनेकों पदाधिकारियों ने शामिल होकर सफल बनाया।

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