BIHAR : मार्च 2016 से विघठित धार्मिक न्यास बोर्ड का सरकार ने किया गठन

पटना। मार्च 2016 से विघठित पड़ा धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन कर लिया गया है। गया के विष्णुपद मंदिर की बदहाली पर दायर हुई लोकहित याचिका की सुनवाई में पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने बोर्ड का गठन किया गया है। गठित हुए बोर्ड का कार्यकाल 5 साल का होता है। बोर्ड का पूर्णरूपेण गठन करने की जानकारी राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में एक पूरक शपथ पत्र दायर कर दी गई। सोमवार को शुरू हुए फिजिकल कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान उक्त शपथ पत्र के जरिये कोर्ट को बताया गया कि बिहार के राज्यपाल ने बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास अधिनियम 1950 की धारा 8(1) (4) के तहत दी हुई शक्तियों का प्रयोग करते हुए दस सदस्यीय राज्य धार्मिक न्यास समिति का गठन गत 2 जनवरी को किया है। बोर्ड के गठन का सरकार का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। सोमवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जनहित याचिकाकर्ता के युवा वकील सुमित सिंह, राज्य सरकार की तरफ से एएजी अंजनी कुमार व बोर्ड के वकील गणपति त्रिवेदी के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इस मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी को रखा है।
ये हैं सदस्य
अध्यक्ष के अलावे इस नवगठित बोर्ड के सदस्य इस प्रकार से हैं: हरिभूषण ठाकुर बचौल, सदस्य, बिहार विधानसभा, नीरज कुमार, सदस्य, बिहार विधान परिषद, कालिका दत्त झा, विभागाध्यक्ष, संस्कृत-ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी, विजय गिरि, पुजारी, बड़ी पटनदेवी, शुकदेव दास जी, महंत, बगही मठ, सीतामढ़ी, चंदन कुमार सिंह, देवचौरा, आंदर, विष्णुपद मंदिर, गया, डॉ. रणवीर नंदन, पूर्व सदस्य, बिहार विधान परिषद, रत्नेश सादा, सदस्य, बिहार विधानसभा, गणपति त्रिवेदी, सीनियर एडवोकेट, पटना हाई कोर्ट (ये करीब एक दशक से पटना हाई कोर्ट में न्यास बोर्ड के वकील हैं)।

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