माइनॉरिटी के सैकड़ों लोगों ने कहा- भारतीयता साबित कराने का ढोंग बंद करे केंद्र सरकार

फुलवारी शरीफ। नो सीएए, नो एनसीआर, नो एनपीआर का स्लोगन लिए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे माइनॉरिटी के सैकड़ों लोगों ने नरेंद्र मोदी की सरकार से आरपार लड़ाई का मूड बना लिया है। हारून नगर के पास सड़क किनारे धरना पर बैठे लोगों में इमारत शरिया के कार्यवाहक नाजिम मौलाना शिबली अल कासमी, पूर्व नाजिम मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी, नगर परिषद के पूर्व उप सभापति सय्यद तसनीम रिजवी, अल्वा सोसायटी के मो. नशूर अजमल नूशी, मुस्ताक अहमद हनी, मुफ़्ती वसी, मोजिब साहेब, नेशात शरूर, नेशार अहमद भट्टू खान, लक्ष्मण, वकील पासवान, बाबूधन सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार गरीबी, दलितों व अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को डराना बंद करे। सरकार ने जो एनआरसी, एनआरपी व सीएए कानून लायी है। उससे भारत की हर जाति, धर्म, वर्ग की एकता को खतरा महसूस हो रहा है और इस काले कानून से बेवजह आम नागरिकों को परेशान किया जा रहा है। हम भारत के लोग सदियों से अपनी सभ्यता, संस्कृति, संस्कार और परंपरा की मिशाल पूरी दुनिया मे देते आ रहे हैं। हमारे पूर्वजों ने अपने खून पसीने से जिस हिंदुस्तान को सींचा है, वहां हमें कोई हिंदुस्तानी साबित करने के लिए दस्तावेज दिखाने का ढोंग कर रहा है। यह हम भारत के लोगों को कतई मंजूर नहीं है। केंद्र की सरकार ऐसे काले के जरिये देश के लोगो को बांटना चाहती है। इसके विरोध करने वालों पर जुल्म ढाए जा रहे हैं। इसका पूरजोर विरोध शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से जारी रखा जाएगा।

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