महाप्रबंधन ने इरकॉन द्वारा पूरी की जा रही ECR की विभिन्न निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा की
हाजीपुर। पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चन्द्र त्रिवेदी द्वारा शुक्रवार को पटना के महेन्द्रूघाट स्थित सम्मेलन कक्ष में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में इरकॉन द्वारा पूरी की जा रही पूर्व मध्य रेल की विभिन्न निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक में इरकॉन के निदेशक (प्रोजेक्ट) योगेश मिश्र, समस्तीपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक अशोक महेश्वरी, सोनपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक अनिल कुमार गुप्ता, दानापुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक सुनील कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण (उत्तर) देशरत्न गुप्ता, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण (दक्षिण) दिनेश कुमार सहित पूर्व मध्य रेल तथा इरकॉन के अन्य वरिष्ठ उच्चाधिकारी उपस्थित थे। महाप्रबंधक श्री त्रिवेदी ने इरकॉन द्वारा पूरी की जा रही ईसीआर की विभिन्न निर्माण परियोजनाओं की कार्य प्रगति की समीक्षा की। इस मौके पर महाप्रबंधक ने कहा कि सभी निर्माण परियोजनाएं निर्धारित समय पर पूरी की जाए।
महाप्रबंधक ने इरकॉन द्वारा बनाये जा रहे हाजीपुर-बछवाड़ा दोहरीकरण (72 किमी) परियोजना का निर्माण कार्य की समीक्षा की। इस रेलखंड के बछवाड़ा-शाहपुर पटोरी (33 किमी) रेलखंड का कार्य पूरा करते हुए मार्च, 2020 से इसे चालू कर दिया गया है। शेष बचे शाहपुर पटोरी-सहदेई बुजूर्ग (12 किमी) मार्च तक तथा सहदेई बुजूर्ग-अक्षयवट राय नगर (14 किमी) जुलाई एवं अक्षयवट राय नगर-हाजीपुर (11 किमी) जून तक पूरा कर लिया जायेगा। इसी क्रम में रामपुर डुमरा-टाल-राजेंद्रपुल अतिरिक्त रेल पुल एवं दोहरीकरण परियोजना की कार्य प्रगति की समीक्षा की गई। गंगा नदी पर निर्माणाधीन 14 किमी. लंबे इस दोहरीकरण परियोजना के 18 में से 13 वेल फाउंडेशन का कार्य प्रगति पर है। उत्तर दिशा के पहुंच पथ पर 95 प्रतिशत मिट्टी का कार्य पूरा हो गया है। विदित हो कि वर्तमान में राजेंद्रपुल सिंगल लाइन ब्रिज है, कार्य पूरा होने के बाद उत्तर बिहार एवं दक्षिण बिहार के बीच रेल आवागमन और सुगम हो जाएगा।
वहीं बैठक में किउल-गया दोहरीकरण परियोजना (125 किमी) के भी कार्य प्रगति की समीक्षा की गई। 4 चरणों में पूरी होने वाली इस परियोजना के प्रथम चरण में मानपुर-वजीरगंज (18.15 किमी) रेलखंड को दिसंबर, 2019 में चालू किया जा चुका है। वजीरगंज-तिलैया (18 किमी) का कार्य मई, लखीसराय-शेखपुरा (26 किमी) का कार्य दिसंबर तक, शेखपुरा-वारसलिगंज (25 किमी) का कार्य मार्च, 2022 तथा वारसलीगंज-तिलैया (36 किमी) का कार्य दिसंबर, 2023 करने का लक्ष्य है। उक्त परियोजना के पूरा हो जाने के बाद किउल-गया रेलखंड में ट्रेनों की गति में और वृद्धि होगी तथा क्षेत्र के औद्योगिक विकास में गति आएगी। यह रेल खंड वर्तमान में ग्रैंडकॉर्ड एवं मेन लाइन के यातायात दबाव को भी कम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण जयनगर-बदीर्बास (नेपाल) रेल परियोजना की भी महाप्रबंधक ने समीक्षा की। इस परियोजना की कुल लंबाई 71.61 किमी है, जिसमें से 68.72 किमी नेपाल में तथा 2.89 किमी रेल लाईन भारत में आता है। तीन चरणों में पूरी होने वाली इस परियोजना का जयनगर-कुर्था आमान परिवर्तन (35 किमी) का कार्य पूरा हो चुका है। द्वितीय चरण में कुर्था से बिजलपुरा (17.30) किमी का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा इरकॉन द्वारा पूरी की जा रही अन्य निर्माण परियोजनाओं की भी गहन समीक्षा की गई।


