बिहार विधानमंडल : बजट सत्र के पहले दिन तेजस्वी के तेवर दिखे तल्ख, विपक्ष का अनोखा विरोध

पटना। बिहार विधानमंडल में राज्यपाल फागू चौहान के अभिभाषण के साथ ही शुक्रवार को बजट सत्र की शुरूआत हुई। राज्यपाल ने दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया। इसके बाद सदन में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया। उसके बाद की कार्यवाही दो दिनों के लिए स्थगित हो गई। सोमवार को सदन में बजट पेश किया जाएगा। बजट सत्र 24 मार्च तक चलेगा। बजट सत्र के पहले दिन ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के तेवर तल्ख दिखे। उन्होंने विधानसभा में मैट्रिक परीक्षा में सोशल साइंस के प्रश्न पत्र लीक होने का मामला उठाया। हालांकि पेपर वायरल होने की बोर्ड की ओर से अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। वहीं किसान आंदोलन के दौरान किसानों की हुई मौत को लेकर विधानमंडल परिसर में विपक्ष के सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखा। उन्होंने कर्पूरी ठाकुर की मूर्ति के पास श्रद्धांजलि भी दी।


विधानमंडल परिसर में दिखा विपक्ष का अनोखा विरोध
बजट सत्र में विपक्ष सत्ता पक्ष को घेरने की पूरी तैयारी में है। इसी क्रम में शुक्रवार को गैस की बढ़ती कीमतों के विरोध में राजापाकर की कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी मिट्टी का चूल्हा लेकर विधानसभा परिसर आईं तो कदवा से कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान लकड़ी लिए हुए सदन पहुंचे। कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी ने कहा कि मिट्टी का चूल्हा एक संदेश है केंद्र सरकार को। सरकार ने 2014 में सपना दिखाया था कि महिलाएं गैस चूल्हा पर खाना बनाएंगी। लेकिन देश में रसोई गैस की कीमत लगातार बढ़ रही है, गरीब महिलाएं रसोई गैस नहीं खरीद पा रही है। बता दें विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए कानून व्यवस्था से लेकर महंगाई समेत कई मुद्दे हैं।


साइकिल से सदन पहुंचे राजद विधायक
राजद विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन साइकिल से सदन पहुंचे। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से लोग परेशान हैं। साइकिल पर लगे पोस्टर के लिए जरिए उन्होंने राजग सरकार को फेल बताया। साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने की मांग की।
बाढ़ पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग


इससे पहले विधानमंडल परिसर में एआईएमआईएम के सभी विधायकों ने सीमांचल में बाढ़ पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग उठाई। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि हमलोग अपनी बात सरकार को सुनाएंगे, अगर सलीके से नहीं सुनेंगे तो अपने तरीके से सुनाएंगे। उन्होंने कहा कि सीमांचल के साथ हमेशा अनदेखी हुई है। बाढ़ पीड़ित परिवार अभी भी सड़क किनारे रहने को मजबूर हैं। उन्हें सहायता राशि नहीं मिली है। रहने को घर भी नहीं दी गई है। सीमांचल के बाढ़ पीड़ितों के लिए अलग से व्यवस्था करने की मांग करेंगे। किसान आंदोलन के दमन पर रोक लगाओ, बिहार में एपीएमसी एक्ट पुनर्बहाल करो…लिखे स्लोगन के साथ भाकपा माले ने विधानसभा परिसर के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने सभी गिरफ्तार किसानों को रिहा करने की मांग उठाई।

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