December 8, 2025

मदन मोहन ने सदन में उठाया नियोजित शिक्षकों का मुद्दा, बिहार बजट को बताया महज वादों का पिटारा

मदन मोहन ने सदन में उठाया नियोजित शिक्षकों का मुद्दा, राज्य की शिक्षा व्यवस्था चरमरायी
पटना। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं विधान परिषद में कांग्रेस के नेता डॉ. मदन मोहन झा ने उच्च सदन में हड़ताली शिक्षकों के समर्थन में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया। कार्य स्थगन प्रस्ताव पर बोलते हुये मदन मोहन ने कहा कि विगत कई दिनों से राज्य के नियोजित शिक्षकों के द्वारा समान कार्य समान वेतन एवं आदि मांगों को लेकर हड़ताल जारी है, जिसके कारण पूरे राज्य की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। सरकार की हठधर्मिता के कारण शिक्षक बहुत आक्रोशित हैं। राज्य का शैक्षणिक विकास लगभग अवरुद्ध हो गया है। सरकार द्वारा हड़ताली शिक्षकों की बर्ख़ास्तगी एवं उनके ऊपर बल प्रयोग तथा कानूनी कार्यवाही एकदम अनुचित है जो एक निरंकुश शासन का परिचायक है। यह दमनात्मक कार्यवाही है, जो निंदनीय है। सरकार को शिक्षकों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण कदम उठाते हुये तत्काल उनकी मांगों को मानते हुए समझौता कर लेना चाहिए।

बिहार बजट महज वादों का एक पिटारा : मदन मोहन
पटना। बिहार बजट को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने खोखला बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट में कुछ भी नया नहीं है। बस पुरानी बातों को ही दुहराया गया है। किसी भी दृष्टिकोण से इस बजट को जनता के लिए लाभकारी बजट नहीं कहा जा सकता। बजट में कहा गया है कि शिक्षा पर सरकार गंभीर है। लेकिन पिछले कई दिनों से हड़ताल पर बैठे नियोजित शिक्षकों की मांगों को इस बजट में कोई स्थान नहीं मिला। सरकार शिक्षा के नाम पर करोड़ों का बजट बनाती है, लेकिन क्या वह शिक्षा के मद में खर्च होता है। सच्चाई यह है कि शिक्षा विभाग शिक्षा को छोड़ कर बाकी अन्य काम में व्यस्त है। यही स्थिति अन्य विभागों की भी है, चाहे वह किसानोें के लाभ का हो या राज्य में स्वास्थ्य समस्याओं का। सब अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। कुल मिलाकर चुनावी वर्ष में सरकार द्वारा पेश किया गया बजट महज वादों का एक पिटारा है।

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