भाजपा-जदयू की स्थिति अंधे और लंगड़े की जोड़ी वाली हो गई : राजद

पटना। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि भाजपा-जदयू के एजेंडे में केवल तेजस्वी यादव और राजद के अलावा और कुछ है हीं नहीं। 15 वर्षों के शासनकाल में लोगों को सपने दिखाने के अलावा इनलोगों ने कुछ किया ही नहीं है, जिसकी चर्चा वे कर सकें और अब भविष्य के लिए भी इनकी बातों पर किसी को कोई भरोसा ही नहीं हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की बढ़ती लोकप्रियता और जन स्वीकार्यता से घबरा कर हीं भाजपा आज नीतीश कुमार को नेता मानने को मजबूर हो गई है। सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा के पास ऐसा एक भी नेता नहीं है, जिसे वह मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश करे और जदयू के साथ सबसे बड़ी त्रासदी है कि वह बगैर वैशाखी के खड़ा हो ही नहीं सकता। दोनों दलों की स्थिति अंधे और लंगड़े की जोड़ी वाली हो गई है ।
राजद नेता ने कहा कि भाजपा और जदयू के लिये एकमात्र एजेंडा तेजस्वी यादव का होना भी लाजिमी है। चूंकि भाजपा द्वारा इतनी तैयारी और प्रचार-प्रसार के बावजूद भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के 7 जून को हुई वर्चुअल रैली में उतने लोग भी नहीं जुड़ पाये, जितना सामान्य तौर पर तेजस्वी के फेसबुक लाईव से जुड़ जाते हैं। भाजपा द्वारा भले हीं अमित शाह के वर्चुअल रैली से 14 लाख लोगों को जुड़ने का दावा किया जा रहा हो, पर यह हकीकत नहीं है। फेसबुक, यूट्यूब व ट्विटर आदि माध्यमों से अमित शाह का संवाद लाईव सुनने वालों की उच्चतम संख्या 40,000 से भी कम थी। भाजपा के अनुसार राज्य के सभी बूथों पर 72,000 एलईडी स्क्रीन लगाने का दावा भले ही किया गया हो पर वास्तविकता यह है कि अधिकांश बूथों पर अमित शाह को सुनने वाला कोई था ही नहीं।

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