बिहार सरकार की लापरवाही के कारण भूखमरी के कगार पर पहुंचे किसान : राजद

पटना। राजद किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुबोध यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस वैश्विक महामारी की भयावह दौर में बिहार में एनडीए की सरकार फिसड्डी साबित हुई है। एक तरफ बिहार के प्रवासी मजदूर विभिन्न शहरों में राहत सामग्री एवं वापस अपने घर लौटने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बिहार के किसान प्राकृतिक आपदा एवं सरकार की लापरवाही और कागजी नीतियों का शिकार होकर भूखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं।
बिहार सरकार झूठे आंकड़ों में उलझा कर अपने असफलता को छिपाने का प्रयास कर रही है। बिहार में किसानों का फसल असमय बारिश और ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हो गया है, सरकारी अनुदान के लिए किसानों का आवेदन जो फरवरी और मार्च के बारिश का था उसको रद्द कर दिया गया है। दोबारा आवेदन के लिए कृषि इंटपुट भरने वाली वेबसाइट का कई दिनों से सर्वर डॉउन रह रहा है। इस साल पूरे बिहार के सभी प्रखंडों में फसल की भारी क्षति हुई है लेकिन बिहार सरकार इस बात को मानने के लिए तैयारी नहीं है। मात्र 23 जिलों के 196 प्रखंड के लिए ही सरकारी अनुदान की बात सरकार कर रही है, जो कुछ भी थोड़ा बहुत पैदावार हुआ है, खासकर सब्जी का जो उत्पादन हो रहा है वह बाजार तक नहीं पहुंच रहा है और वह खेतों में सड़ रहा है, जिससे किसान दोहरी मार मार झेलने को विवश हैं।
श्री यादव ने बिहार सरकार से मांग की है कि लॉकडॉउन की आड़ में बाजार में धड़ल्ले से हो रही कालाबाजारी को रोका जाए, किसानों के खेत में बर्बाद हो रहे हैं फलों एवं सब्जियों को बाजार तक पहुंचाने की समुचित व्यवस्था की जाए, जिससे खेत और खरीदार दोनों सुरक्षित रहें।
