November 21, 2025

बिहार में संस्कृत मानद विश्वविद्यालय शुरू करने की कवायद शुरू, कांची पीठ शंकराचार्य से मिलेंगे जेएन त्रिवेदी

विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए कांची पीठ शंकराचार्य से मिलेंगे : जेएन त्रिवेदी
पटना। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है किन्तु मौजूदा समय में संस्कृत ही उपेक्षित है। कहा जाता है कि संस्कृत ही संस्कृति का रक्षक है। लेकिन बिहार में कोई भी संस्कृत मानद विश्वविद्यालय नहीं है। जिसके कारण बिहारी छात्र अन्य प्रदेशों में जाने को विवश हंै। ऐसे में ब्रम्हजन एकता परिषद के अध्यक्ष प्रज्ञ समाज समन्वय समिति के सक्रिय सदस्य समाजिक विचारक जे एन त्रिवेदी ने बिहार में नये संस्कृत मानद विश्वविद्यालय शुरू करने की कवायद शुरू कर दी है।
बता दें कि प्रज्ञ समाज समन्वय समिति ब्राह्मण संगठन की बैठक बोरिंग कैनाल रोड में किया गया, जिसकी अध्यक्षता समन्वय समिति के अध्यक्ष आरएन मिश्रा ने किया। इस बाबत जे एन त्रिवेदी ने बताया कि आज यह चिंता का विषय है कि बिहार जैसे ऐतिहासिक राज्य जहां चाणक्य जैसे विद्वान थे, वहां संस्कृत विलुप्ति के कगार पर है। श्री त्रिवेदी ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य शुरू हो रहा है। इसी सिलसिले में प्रबुद्घजनों की एक बैठक बुलाई गयी, जिसमें निर्णय हुआ कि विश्वविद्यालय का निर्माण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो। इसी सिलसिले में श्री त्रिवेदी शिष्टमंडल के साथ कांची पीठ के शंकराचार्य से 3 मार्च को मिलने के लिए प्रस्थान करेंगे। उसके बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। फलस्वरूप बिहार को एक उत्कृष्ठ सभी सुविधाओं से सुसज्जित विश्वविद्यालय मिलेगा।
मौके पर समन्वय समिति के युवा प्रदेश अध्यक्ष रजनीश तिवारी ने कहा कि ये बहुत बड़ी सोच है खासकर बिहार के लोगों को इस संस्कृत मानद विश्वविद्यालय का बहुत बड़ा लाभ होगा। इस विश्वविद्यालय के माध्यम से समाज के लोग वैदिक और तकनीकी तरीके से भी संस्कृत का ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे एवं रिसर्च कर सकेंगे। समन्वय समिति की बैठक में पंडित जी पांडेय, राजेंन्द्र तिवारी, अमरेन्द्र कुमार त्रिपाठी, सौरभ तिवारी सहित दर्जनों ने इस गंभीर विषय पर अपनी सहमति प्रकट की।

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