बिहार में इतना होटल और हॉस्टल को सरकार ने किया चिह्नित, बनेंगे क्वारंटाइन सेंटर

पटना। बिहार वासियों के लिए यह भले ही राहत वाली खबर है कि बीते 24 घंटे में कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या पर ब्रेक लगी है, लेकिन कोरोना संदिग्ध मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार चिंता में है। इन्हीं बढ़ते मामलों को देखते हुए बिहार सरकार ने होटल और हॉस्टलों में क्वारंटाइन सेंंटर बनाने के अपने पूर्व के फैसले पर अमल करना शुरू कर दिया है। पटना में होटल पाटलिपुत्र अशोक, गया के दो होटलों के बाद शेष दूसरे जिलों में भी कुल 276 ऐसे होटल और हॉस्टलों की पहचान की गई है, जिनमें क्वारंटाइन सेंटर बनाए जाएंगे। कुछ हॉस्टल और होटलों में क्वारंटाइन सेंटर चलने भी लगे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के अनुसार सर्वाधिक होटल, हॉस्टल सारण, पूर्णिया, पटना, भागलपुर, पूर्वी चंपारण और किशनगंज में चिह्नित किए गए हैं। चिह्नित सभी होटलों और हॉस्टलों को मिलाकर कर कम से कम 7,163 कमरों को क्वारंटाइन वार्ड के रूप में बदला जा सकेगा। इनमें 4,012 कमरे ऐसे हैं, जिनमें साथ में वॉशरूम भी हैं। बिहार के सभी जिलाधिकारियों के साथ ही सिविल सर्जनों को निर्देश दिए गए हैं कि पहचान किए गए हॉस्टल और होटल में आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था कर इन्हें क्वारंटाइन सेंटर में बदला जाए। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि चिन्हित होटल और हॉस्टलों की कमरों की जो संख्या है उसमें कम से कम 28 हजार कोरोना संदिग्धों को क्वारंटाइन किया जा सकेगा। कुछ जिलों में चिन्हित होटल और हॉस्टलों में क्वारंटाइन सेंटर काम भी करने लगे हैं। इनमें अब तक कुल 870 कोरोना संदिग्ध क्वारंटाइन किए गए हैं। इनमें गया में 315, गोपालगंज में 140, मुंगेर में 84, नालंदा में 73, पूर्णिया में 21, रोहतास में 14, सुपौल में 30, कटिहार में 21, दरभंगा में 60, मधेपुरा में 6 व अन्य कुछ हॉस्टल और होटलों में एक या दो की संख्या में संदिग्ध क्वारंटाइन हैं।

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